Edited By Ramanjot, Updated: 19 Jun, 2024 04:31 PM
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों के निहित स्वार्थ के कारण अगर इस तरह से पुल गिरेगा तो सरकारी धन का दुरुपयोग और क्षति होगी। मंत्री ने कहा कि ऐसा जिस किसी अधिकारी या ठेकेदार की लापरवाही वजह से हुआ हो, उन सभी के खिलाफ सरकारी धन...
पटना: बिहार के अररिया जिले में बकरा नदी पर नवनिर्मित पुल का एक हिस्सा मंगलवार को ढ़ह जाने पर कार्यपालक अभिंयता और कनीय अभियंता को निलंबित कर दिया गया। राज्य के ग्रामीण कार्य मंत्री अशोक चौधरी ने बुधवार को कहा, ‘‘अभी वह पुल निर्माण की प्रक्रिया में ही था। पुल का गिरना एक गंभीर अपराध है। वहां कार्यरत कार्यपालक अभियंता और कनीय अभियंता को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। मामले की जांच के लिए एक टीम का गठन किया गया है।''
लापरवाही बरतने वालों पर दर्ज होगा मुकदमा
मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि कुछ अधिकारियों और ठेकेदारों के निहित स्वार्थ के कारण अगर इस तरह से पुल गिरेगा तो सरकारी धन का दुरुपयोग और क्षति होगी। मंत्री ने कहा कि ऐसा जिस किसी अधिकारी या ठेकेदार की लापरवाही वजह से हुआ हो, उन सभी के खिलाफ सरकारी धन के दुरुपयोग को लेकर आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाएगा। ग्रामीण कार्य विभाग (आरडब्ल्यूडी) द्वारा 10 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित इस पुल को लोगों के लिए अभी नहीं खोला गया था।
‘‘पुल का ढहना एक गंभीर मामला"- ACS
आरडब्ल्यूडी के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह ने मंगलवार को बताया था, ‘‘पुल का ढहना एक गंभीर मामला है और शुरू से ही इस परियोजना से जुड़े विभाग के तीन वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू की गई है।'' सिंह ने कहा था, ‘‘आरडब्ल्यूडी ने मुख्य अभियंता (पूर्णिया) की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है जो पुल ढहने के कारणों का पता लगाएगी और आवश्यक उपाय सुझाएगी। समिति को सात दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।'' यह पुल अररिया जिले के कुर्सा कांटा और सिकटी इलाकों को जोड़ता है। इससे पहले बिहार के सुपौल जिले में मार्च में कोसी नदी पर एक निर्माणाधीन पुल ढह गया था। इसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 10 अन्य घायल हो गए थे।