Edited By Ramanjot, Updated: 12 Mar, 2025 10:13 PM

बिहार कोसी बेसिन विकास परियोजना के अंतर्गत बकरीपालन गतिविधि में मूल्यसंवर्धन पर एक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप पटना के होटल लेमन ट्री में संपन्न हुई
पटना: बिहार कोसी बेसिन विकास परियोजना के अंतर्गत बकरीपालन गतिविधि में मूल्यसंवर्धन पर एक महत्वपूर्ण स्टेकहोल्डर वर्कशॉप का आयोजन किया गया। यह वर्कशॉप पटना के होटल लेमन ट्री में संपन्न हुई, जिसमें किसानों, कृषक हित संघ के निदेशकों, सीईओ, मार्केटिंग अधिकारियों, लेखापालों सहित अन्य प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस कार्यक्रम की मुख्य अतिथि बिहार सरकार की अपर मुख्य सचिव (पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग) डॉ. एन. विजयलक्ष्मी थीं। उनके साथ पशुपालन निदेशक नवदीप शुक्ला, नोडल पदाधिकारी उमेश कुमार रंजन, राज्य परियोजना समन्वयक धनंजय कुमार यादव और राज्य परियोजना प्रबंधक रविरंजन पांडेय भी उपस्थित रहे।
बकरीपालन में तकनीकी नवाचार और आर्थिक लाभ
परियोजना से जुड़े कृषक हित संघों के प्रतिनिधियों ने बताया कि इस योजना से उन्हें व्यापार में वृद्धि, तकनीकी दक्षता और वित्तीय सहयोग के रूप में बड़ा लाभ मिला है। परियोजना के तहत सहरसा, सुपौल, मधेपुरा, अररिया और पूर्णिया जिलों में 2021 से 2025 तक विभिन्न योजनाएं लागू की गई हैं, जिनमें प्रशिक्षण, तकनीकी सहायता और आर्थिक सहयोग शामिल हैं।
बकरीपालन को व्यवसायिक स्तर पर विस्तार देने के निर्देश
डॉ. एन. विजयलक्ष्मी ने परियोजना की प्रगति को सराहते हुए कृत्रिम गर्भाधान, नस्ल सुधार, हर्बल मेडिसिन, बकरीपालन के उप-उत्पादों से खाद निर्माण, वैक्सीनेशन और डीवार्मिंग को बढ़ावा देने का निर्देश दिया। उन्होंने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल के तहत प्रगतिशील किसानों को चिन्हित कर इंटरप्राइज मॉडल विकसित करने की बात कही, जिससे बकरीपालन को एक लाभकारी व्यवसाय के रूप में स्थापित किया जा सके।