रामविलास पासवान के निधन से शोक में डूबा बिहार, CM सहित इन नेताओं ने जताया दुख

Edited By Ramanjot, Updated: 09 Oct, 2020 09:53 AM

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बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर महज तेईस साल की उम्र में पहली बार विधायक बन चमके एक सितारे रामविलास पासवान के निधन से उनके 51 साल की जनसेवा को याद कर पूरा राज्य शोक के सागर में डूब गया।

पटनाः बिहार के राजनीतिक क्षितिज पर महज तेईस साल की उम्र में पहली बार विधायक बन चमके एक सितारे रामविलास पासवान के निधन से उनके 51 साल की जनसेवा को याद कर पूरा राज्य शोक के सागर में डूब गया।

रामविलास पासवान की जन्मभूमि खगड़िया जिले के शहरबन्नी से लेकर उनका राजनीतिक गढ़ माने जाने वाला हाजीपुर समेत पूरे राज्य का प्रत्येक व्यक्ति शोक में डूबा है। राजनीतिक क्षेत्र में भी उनके समर्थक एवं विपक्षी सभी दलों के नेता कार्यकर्ता समान रूप से उन्हें याद कर दुखी हैं। राज्यपाल फागू चौहान, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी एवं सभी दल के नेता एवं कार्यकताओं ने पासवान के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है।

बिहार के राज्यपाल फागू चौहान ने पासवान के निधन पर गहरी शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने रेल सहित कई महत्वपूर्ण विभागों के केन्द्रीय मंत्री के रूप में कई बार अपनी प्रतिभा, योग्यता, कर्तव्यपरायणता एवं अनुभव के बल पर देश एवं समाज की अप्रतिम सेवा की। वह समाज के प्रत्येक वर्ग में काफी लोकप्रिय राजनेता रहे तथा विशेषकर गरीबों एवं अभिवंचितों की सेवा में आजीवन लगे रहे। उनके निधन से संपूर्ण देश एवं समाज तथा विशेषकर बिहार राज्य को अपूरणीय क्षति हुई है।

वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि पासवान भारतीय राजनीति के बड़े हस्ताक्षर थे। वे प्रखर वक्ता, लोकप्रिय राजनेता, कुशल प्रशासक, मजबूत संगठनकर्ता एवं बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी थे। वह पहली बार वर्ष 1969 में बिहार विधानसभा के सदस्य निर्वाचित हुए थे। वह 1977 में पहली बार हाजीपुर से लोकसभा के लिए चुने गए थे और उनकी यह जीत विश्व रिकॉर्ड में भी दर्ज हुई थी। नीतीश ने कहा, ‘‘उनसे हमारा बहुत पुराना रिश्ता था। उनके निधन से मुझे व्यक्तिगत तौर पर दुख पहुंचा है। उनका निधन भारतीय राजनीति के लिए अपूरणीय क्षति है।''

उप मुख्यमंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी पासवान के निधन को बिहार की राजनीति की अपूरणीय क्षति बताया और कहा कि पासवान से उनका 30 वर्षों से ज्यादा का साथ-संपर्क रहा है। वे जिस भी विभाग के मंत्री रहे अपनी अमिट छाप छोड़ी और हमेशा पूरे देश और बिहार के लिए काम किया। उनके योगदान को बिहार की जनता कभी भूल नहीं सकती है। पासवान एक ऐसे दलित नेता थे, जो हमेशा समाज के सभी वर्गों से समन्वय और तालमेल बैठा कर अपनी राजनीति करते रहे। इसी वजह से दलितों, पिछड़ों के साथ सवर्णों का भी उन्हें हमेशा साथ मिला। दुख की इस घड़ी में ईश्वर उनके सभी समर्थकों, शुभचिंतकों को धैर्य प्रदान करें।

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