‘झारखंड के हित में 'चंपई सोरेन ने JMM छोड़ी, मंत्री और विधायक पद से दिया इस्तीफा

Edited By Nitika, Updated: 29 Aug, 2024 10:30 AM

champai left jmm in the interest of jharkhand

झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह पार्टी की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से व्यथित होकर यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए हैं।

 

रांचीः झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) से इस्तीफा दे दिया और कहा कि वह पार्टी की वर्तमान कार्यशैली और नीतियों से व्यथित होकर यह कदम उठाने के लिए मजबूर हुए हैं। चंपई सोरेन 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने वाले हैं। उन्होंने राज्य विधानसभा के सदस्य और झारखंड के मंत्री पद से भी इस्तीफा दे दिया है।

चंपई सोरेन ने कहा, "आज मैंने झारखंड मुक्ति मोर्चा की प्राथमिक सदस्यता और सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। मैं झारखंड के आदिवासियों, दलितों, पिछड़ों और आम लोगों के मुद्दों पर लड़ाई जारी रखूंगा।" पार्टी प्रमुख शिबू सोरेन को लिखे पत्र में वरिष्ठ आदिवासी नेता ने कहा कि झामुमो की वर्तमान कार्यशैली से व्यथित होकर उन्हें पद छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्होंने पत्र में कहा, "मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मैं झामुमो छोड़ दूंगा, जो मेरे लिए परिवार की तरह है...अतीत में घटी घटनाओं ने मुझे बहुत पीड़ा के साथ यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया...मुझे यह कहते हुए दुख हो रहा है कि पार्टी अपने सिद्धांतों से भटक गई है।" उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि पार्टी में अपनी पीड़ा व्यक्त करने के लिए कोई मंच नहीं बचा है और "आप (शिबू सोरेन) खराब स्वास्थ्य के कारण राजनीति में सक्रिय नहीं हैं, लेकिन आप मेरे मार्गदर्शक बने रहेंगे..."।

सोरेन ने इस सप्ताह की शुरुआत में नयी दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी और भाजपा में शामिल होने की घोषणा की थी। वह बुधवार को अपने बेटे के साथ रांची पहुंचे जहां बड़ी संख्या में समर्थकों ने उनका स्वागत किया। सोरेन ने कहा, "मेरा फैसला (भाजपा में शामिल होने का) झारखंड के हित में है... मुझे संघर्षों की आदत है।" उनपर "निगरानी" रखे जाने के आरोप के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वह किसी भी स्थिति से डरते नहीं हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने इससे पहले आरोप लगाया था कि चंपई सोरेन पिछले पांच महीनों से अपनी ही सरकार की पुलिस की निगरानी में थे। शर्मा ने दावा किया कि झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के दो उपनिरीक्षकों (एसआई) को सोरेन के समर्थकों ने दिल्ली के एक होटल में उस समय पकड़ा जब वे पूर्व मुख्यमंत्री पर नजर रख रहे थे। हालांकि झामुमो ने दावा किया कि दोनों पुलिस अधिकारियों को सोरेन की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था और हिरासत में लेने के तुरंत बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। भाजपा नेताओं से माफी की मांग करते हुए झामुमो ने एक बयान में कहा, "हम जल्द ही भाजपा को करारा जवाब देंगे और यहां सत्ता हथियाने के उसके किसी भी प्रयास को विफल कर देंगे।"

सोरेन ने कहा कि वह अपने खिलाफ किसी साजिश से नहीं डरते। इस बीच भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने चंपई सोरेन पर "निगरानी" के मामले की उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीश के अधीन जांच की मांग की। यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए मरांडी ने कहा, "दिल्ली में विशेष शाखा के दो अधिकारियों को गिरफ्तार किया गया है और चंपई सोरेन को हनी ट्रैप में फंसाने के प्रयास के आरोप हैं। यह एक गंभीर मुद्दा है।"

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