Edited By Ajay kumar, Updated: 23 Oct, 2020 05:21 PM
बिहार विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बिहार में चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है।
बिहार: बिहार विधानसभा के लिए चुनाव प्रचार चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बिहार में चुनाव प्रचार का आगाज कर दिया है। शुक्रवार को रोहतास में मायावती ने ‘ग्रैंड डेमोक्रेटिक रेगुलर फ्रंट’ के प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया।
इस दौरान मायावती ने कहा कि पिछले कई साल से बिहार में एनडीए की सरकार है, अब इन्हें और ज्यादा समय देने की जरूरत नहीं है। इस बार बिहार में बने नए गठबंधन की ही सरकार बनानी है। हमारा जो गठबंधन बना है वह दबे, कुचले और पीड़ितों और अति पिछड़ों का है। यदि बिहार में हमारे नए गठबंधन की सरकार बन जाती है तो फिर यहां का मुख्यमंत्री उपेंद्र कुशवाहा को ही बनाया जाएगा। उपेंद्र कुशवाहा अति पिछड़े समाज से है जो काबिल और सरकार चलाने में सक्षम भी हैं। यदि बिहार में गठबंधन की सरकार बन जाती है तो उपेंद्र कुशवाहा यूपी में बसपा की तरह ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ की नीति पर आधारित सरकार ही चलाएंगे। हमारे यूपी में 4 बार सरकार चलाई है और जनता को बेहतरीन सरकार दी है। उसी आधार पर यहां भी सरकार चलाई जाएगी।
मायावती ने कहा कि मैं आप लोगों को बताना चाहती हूं कि हमने उत्तर प्रदेश में सर्व समाज में से गरीब व बोरोजगार लोगों को बड़े पैमाने पर सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्रों में नौकरियां दी है। बिहार की सत्ताधारी पार्टी के लोग बेरोजगारों को 19 लाख जबकि महागठबंन के लोग बेरोजगारों को 10 लाख नौकरियां देने का वादा कर रहे हैं। मैं कहती हूं कि इन दोनों पार्टियों को बिहार में सरकार बनाने का मौका मिला था तब क्यों नहीं बेरोजगारों को नौकरियां दी। अब इन पार्टियों को मालुम है कि लोग अब इन्हें वोट नहीं देंगे तो नौकरियों का आश्वासन दे रहे हैं। बीएसपी ने कभी वादे नहीं किए, जब हमारी सरकार उत्तर प्रदेश में बनी तो हमने बड़े पैमाने पर सरकारी और गैर सरकारी नौकरियां दी। इतना ही नहीं हमारी सरकार ने उत्तर प्रदेश में किसी भी किसान की एक इंच भी जमीन छीनकर गरीब व भूमिहीन लोगों को नहीं बांटी थी। बल्कि उत्तर प्रदेश सरकार के पास जो सरकारी खाली जमीन पड़ी थी उस जमीन पर हमने 2-3 एकड़ के पट्टे काटकर गरीबों को खेती करने के लिए दी थी।