Harsidhi Assembly Seat: हरसिद्धि विधानसभा चुनाव के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

Edited By Nitika, Updated: 27 Aug, 2020 06:14 PM

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बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक हरिसिद्धि विधानसभा सीट है। हरिसिद्धि विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले के दायरे में आता है। यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले के अंतर्गत आता है।

 

पूर्वी चंपारणः बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक हरिसिद्धि विधानसभा सीट है। हरिसिद्धि विधानसभा सीट पूर्वी चंपारण जिले के दायरे में आता है। यह विधानसभा क्षेत्र पूर्वी चंपारण जिले के अंतर्गत आता है।

बता दें कि यह सीट 1951 से ही अस्तित्व में है लेकिन समय-समय पर परिसीमण के बाद इसकी सीमाएं परिवर्तित होती रही। 1951 में इस सीट पर पहली बार कांग्रेस की टिकट पर हरिवंश सहाय विधायक चुने गए। 1957 में भी इस सीट पर कांग्रेस कैंडिडेट पार्बती देवी ने चुनावी जीत हासिल की है। 1962 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट नागेश्वर दत्त पाठक ने चुनाव में जीत हासिल की है। 1967 के विधानसभा चुनाव में कम्युनिष्ट पार्टी ऑफ इंडिया ने कांग्रेस को मात दे दी। सीपीआई कैंडिडेट एसएम अब्दुल्ला ने कांग्रेस कैंडिडेट नागेश्वर दत्त पाठक को चुनाव में हरा दिया। 1969 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस कैंडिडेट नागेश्वर दत्त पाठक ने फिर से जीत हासिल की थी।

1972 में कांग्रेस ओ के कैंडिडेट मोहम्मद हिदायतुल्ला खान ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है, वहीं 1977 से जनता पार्टी कैंडिडेट युगल किशोर प्रसाद सिंह ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी। 1980,1985 और 1990 से कांग्रेस कैंडिडेट मोहम्मद हिदायतुल्लाह खान ने एक के बाद एक तीन बार चुनाव में जीत हासिल की थी। 1995 में जनता दल के कैंडिडेट अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की। वहीं 2000 के विधानसभा चुनाव में समता पार्टी के कैंडिडेट महेश्वर सिंह ने विरोधियों को मात दे दी तो 2005 में लोक जनशक्ति पार्टी के उम्मीदवार अवधेश प्रसाद कुशवाहा ने इस सीट से जीत हासिल की। 2010 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट कृष्ण नंदन पासवान ने जीत हासिल की थी। वहीं 2015 के विधानसभा चुनाव में आरजेडी कैंडिडेट राजेंद्र कुमार ने चुनाव में जीत हासिल की थी।

एक नजर 2015 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर आरजेडी के राजेंद्र कुमार ने बीजेपी के कृष्णनंदन पासवान को 10 हजार 267 वोटों से हरा दिया। राजेंद्र कुमार को कुल 75 हजार 203 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर बीजेपी के कृष्णनंदन पासवान को 64 हजार 936 वोट हासिल किया था। वहीं तीसरे नंबर पर नोटा को वोट मिला था। नोटा को 3 हजार 133 वोट मिला।
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एक नजर 2010 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के कृष्णनंदन पासवान ने आरजेडी के सुरेंद्र कुमार चंद्रा को 18 हजार 64 वोटों से हराया था। बीजेपी के कृष्णनंदन पासवान को 48 हजार 130 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर आरजेडी के सुरेंद्र कुमार चंद्रा को 30 हजार 66 वोट मिले थे। वहीं तीसरे नंबर पर कांग्रेस के विजय कुमार राम रहे थे जिन्हें 6 हजार 202 वोट मिले थे।
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एक नजर 2005 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं अगर बात 2005 के विधानसभा चुनाव की आंकड़ों की करें तो इस सीट से लोक जनशक्ति पार्टी के कैंडिडेट महेश्वर सिंह ने चुनाव में जेडीयू के अवधेश प्रसाद कुशवाहा को हराया था। लोक जनशक्ति पार्टी के कैंडिडेट महेश्वर सिंह को 35 हजार 811 वोट मिला था जबकि जेडीयू के अवधेश प्रसाद कुशवाहा को 35 हजार 703 वोट हासिल हुआ था। इस तरह महेश्वर सिंह ने अवधेश प्रसाद कुशवाहा को महज 108 वोटों से हराया था। वहीं तीसरे स्थान पर कांग्रेस के हरिशंकर प्रसाद सिंह रहे थे। उन्हें कुल 13 हजार 261 वोट मिला था।
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2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू-बीजेपी और लोजपा के साथ मिलने से इस सीट पर एनडीए कैंडिडेट की ताकत बढ़ जाएगी। वहीं आरजेडी के लिए 2015 की चुनाव की तरह जीत हासिल करना आसान नहीं होगा। अब आने वाले चुनाव के नतीजे ही बताएंगे कि कौन किस पर भारी पड़ा।
 

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