Edited By Nitika, Updated: 28 Sep, 2020 05:19 PM
बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक नरकटिया विधानसभा सीट (Narkatia Assembly Seat) है। पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
पूर्वी चंपारणः बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक नरकटिया विधानसभा सीट (Narkatia Assembly Seat) है। पूर्वी चंपारण (East Champaran) जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र पश्चिम चंपारण लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।
बता दें कि 2008 में हुए परिसीमण के बाद यह सीट अस्तित्व में आई। इस सीट पर पहली बार साल 2010 में विधानसभा के चुनाव हुए और जनता दल यूनाइटेड (JDU) के श्याम बिहारी प्रसाद विधायक (MLA) चुने गए तो वहीं 2015 में यह सीट राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के खाते में गई और शमीम अहमद विधायक (MLA) बनें।
विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अब अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के शमीम अहमद ने बीएलएसपी (BLSP) के संत सिंह कुशवाहा को 19 हजार 832 वोटों से हराया और विधायक (MLA) चुने गए। शमीम अहमद को कुल 75 हजार 118 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे संत सिंह कुशवाहा को कुल 55 हजार 136 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय सोनू कुमार को कुल 12 हजार 890 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
वहीं 2010 में हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) के परिणामों पर नजर डालें तो जनता दल यूनाइटेड (JDU) के श्याम बिहारी प्रसाद ने लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के यासमीन साबिर अली को 7 हजार 688 वोटों से हराया और विधायक (MLA) चुने गए। श्माय बिबारी प्रसाद को कुल 31 हजार 549 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे यासमीन साबिर अली को कुल 23 हजार 861 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय शमीम अहमद को कुल 14 हजार 217 वोट मिले थे।
इस सीट पर अभी तक 2 बार ही विधानसभा के चुनाव हुए हैं, जिसमें एक बार जनता दल यूनाइटेड (JDU) और एक बार राष्ट्रीय जनता दल (RJD) का कब्जा रहा है। ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता है कि इस सीट पर किस पार्टी का पलड़ा भारी है, हालांकि इस बार चुनाव काफी दलचस्प होने वाला है क्योंकि कोरोना और बाढ़ की वजह से जहां एक ओर लोगों का गुस्सा सरकार के प्रति देखने को मिल रहा है तो वहीं विपक्ष भी इस मुद्दे को सही से उठा रही है। अब देखना होगा कि इस बार के चुनाव (Chunav) में किस पार्टी को जनता सत्ता के सिंहासन पर बैठाती है और किस पार्टी को सत्ता से दूर रखती है।