"दोष प्रशासन का, सजा क्यों शिक्षकों को?"....पटना हाईकोर्ट ने बिहार के प्राथमिक शिक्षकों को दी बड़ी राहत

Edited By Ramanjot, Updated: 12 Apr, 2025 01:17 PM

patna high court gave big relief to primary teachers of bihar

ट्रेंड शिक्षकों को मई  2017 से ही सरकार द्वारा निर्धारित तमाम तरह का वित्तीय लाभ देना होगा जो ट्रेंड शिक्षकों के लिए पहले से दी जा रही है। अदालत ने डायरेक्टर, प्राथमिक शिक्षा को इस आदेश को ट्रेनिंग पूरा होने के डेट से लागू करने का आदेश दिया है।...

Bihar Teacher News: पटना हाईकोर्ट ने बिहार के प्राथमिक शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। जस्टिस पी. बी. बजंथरी और आलोक कुमार सिन्हा की खंडपीठ ने किशोर कुमार एवं अन्य बनाम बिहार सरकार के केस में ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने अपने आदेश में राज्य सरकार को ट्रेंड शिक्षकों को मई 2017 से ही ट्रेंड स्केल का लाभ देने का आदेश दिया है। 

  • ट्रेंड शिक्षकों को मई  2017 से ही सरकार द्वारा निर्धारित तमाम तरह का वित्तीय लाभ देना होगा जो ट्रेंड शिक्षकों के लिए पहले से दी जा रही है। अदालत ने डायरेक्टर, प्राथमिक शिक्षा को इस आदेश को ट्रेनिंग पूरा होने के डेट से लागू करने का आदेश दिया है।  अदालत ने अपने आदेश में शिक्षा विभाग के अधिकारियों की लापरवाही पर कड़ी टिप्पणी भी की है। अदालत ने कहा कि विभाग की ग़लती की सजा शिक्षकों को नहीं दी जा सकती है।

 

  • पटना हाइकोर्ट की खंडपीठ ने अपने आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस छागला के फैसले का जिक्र किया है। ऑल इंडिया ग्राउंड नट सिंडिकेट लिमिटेड बनाम कमिश्नर ऑफ इनकम टैक्स बॉम्बे (1954) में दिए फैसले को भी आधार बनाया गया है। इसके अलावा पटना हाइकोर्ट की खंडपीठ ने सुप्रीम कोर्ट के दिए पहले के आदेश का भी संदर्भ दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र राज्य बनाम जगन्नाथ केस (AIR 1989 SC 1133) को आधार मानते हुए जो आदेश दिया था उसका जिक्र करते हुए पटना हाइकोर्ट ने याचिका कर्ताओं को मई 2017 से ट्रेंड शिक्षकों का स्केल एवं अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया है।

 

  • हाईकोर्ट द्वारा पारित न्यायादेश के अनुसार वादी को उनके प्रशिक्षण पूर्ण करने की तिथि से प्रशिक्षित वेतनमान का लाभ देने का निर्णय निदेशक, माध्यमिक शिक्षा द्वारा लिया जाना है। वस्तुतः वादीगण का मामला प्राथमिक शिक्षा निदेशालय से संबंधित है। साथ ही, इस वाद से संबंधित प्रतिवादी संख्या-2 निदेशक, प्राथमिक शिक्षा हैं, प्रतिवादी की सूची में निदेशक, माध्यमिक शिक्षा का नाम सम्मिलित नहीं है। इस प्रकार न्यायालय के आदेश में निदेशक, प्राथमिक शिक्षा के स्थान पर निदेशक माध्यमिक शिक्षा का अंकण टंकणीय त्रुटि के कारण हो गया प्रतीत होता है। इस पृष्ठभूमि में निदेशक प्राथमिक शिक्षा द्वारा न्यायालय के आदेश के अनुपालनार्थ संदर्भित मामले में निर्णय लिया जा रहा है।

 

  • उक्त वाद से संबंधित वादीगण का नियोजन बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक नियोजन एवं सेवाशर्त नियमावली 2012 के तहत अप्रशिक्षित शिक्षक के पद पर संबंधित नियोजन इकाई द्वारा किया गया है एवं वादीगण को सेवाकालीन प्रशिक्षण की सुविधा विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया। निदेशक, राज्य शिक्षा शोध एवं प्रशिक्षण परिषद् पटना के पत्रांक 323 दिनांक - 06.03.2020 द्वारा यह अवगत कराया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2013-15 के साथ साथ शैक्षणिक सत्र 2016-18 एवं 2017-18 के अप्रशिक्षित शिक्षकों को D.El.Ed (दूरस्थ शिक्षा) की प्रशिक्षण पूर्णता की तिथि दिनांक 31.03.2019 है।

 

  • बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक (नियोजन एवं सेवाशर्त) नियमावली 2012 के अनुसार प्रशिक्षित एवं अप्रशिक्षित शिक्षकों का वेतनमान अलग-अलग है। नियमावली के अनुसार निर्धारित प्रशिक्षण अर्हता प्राप्त शिक्षकों को ही प्रशिक्षित वेतनमान देय है। उक्त तथ्यों को ध्यान में रखकर न्यायालय के उक्त आदेश के अनुपालन में सत्र 2013-15 में नामांकित अप्रशिक्षित शिक्षक जिनका प्रशिक्षणचर्या मई 2017 में पूर्ण हो गया और मार्च 2019 में प्रकाशित परीक्षाफल अन्तर्गत उतीर्ण हुए को प्रशिक्षणचर्या पूर्ण करने की तिथि से प्रशिक्षित शिक्षक का वेतनमान वैचारिक रूप से स्वीकृत करते हुए वित्तीय लाभ परीक्षाफल प्रकाशन की तिथि से देने का निर्णय लिया जाता है।


क्या था पूरा मामला
दरअसल, शिक्षकों ने मई 2017 में प्रशिक्षण पूरा कर लिया था, लेकिन परीक्षा परिणामों में देरी के चलते उन्हें प्रशिक्षित वेतनमान नहीं मिला। वहीं अदालत ने अब कहा कि ये देरी शिक्षकों की गलती नहीं थी, इसलिए उन्हें मई 2017 से ही वेतन लाभ मिलना चाहिए।
 

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