Sitamarhi Assembly Seat: सीतामढ़ी विधानसभा सीट के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

Edited By Ramanjot, Updated: 18 Oct, 2020 12:09 PM

बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक सीतामढ़ी विधानसभा सीट (Sitamarhi Assembly Seat) है। सीतामढ़ी जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

सीतामढ़ीः बिहार के 243 विधानसभा सीटों में से एक सीतामढ़ी विधानसभा सीट है। सीतामढ़ी जिले में स्थित यह विधानसभा क्षेत्र सीतामढ़ी लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है।

बता दें कि इस सीट पर पहली बार साल 1951 में हुए चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी के दामोदर झा को जीत मिली थी। 1957 में इस सीट पर कांग्रेस के के. साही विधायक चुने गए थे। 1969 में इस सीट पर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का कब्जा रहा और श्याम सुंदर दास को जीत मिली। 1972 में यह सीट कम्युनिस्ट पार्टी के खाते में गई और राम स्वरूप सिंह विधायक चुने गए। 1977-1980 और 1985 में इस सीट पर कांगेस का कब्जा रहा। 1977 में जहां राम सागर जीते तो वहीं 1980 में कांग्रेस के पीर मोहम्मद अंसारी विधायक चुने गए और 1985 में कांग्रेस के खलील अंसारी चुनाव जीते।

1990 में यह सीट जनता दल के खाते में गई। शहीद अली खान इस सीट से विधायक चुने गए। 1995 में पहली बार बीजेपी के हरि शंकर प्रसाद को जीत हासिल हुई। 2000 में इस सीट पर राजद ने जीत हासिल की और शहीद अली खान फिर से विधायक चुने गए। इसके बाद 2003, 2005 के फरवरी, अक्टूबर और 2010 में इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा रहा और सुनील कुमार लगातार 4 बार विधायक रहे। 2015 में राजद के सनील कुमार को इस सीट पर जीत हासिल हुई।

विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अब अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव में इस सीट पर राष्ट्रीय जनता दल की सुनीता देवी ने भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार को 14 हजार 722 वोटों से हराया और विधायक चुनी गईं। सुनीता देवी को कुल 81 हजार 557 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे सुनील कुमार को कुल 66 हजार 835 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रही नगीना देवी को कुल 3 हजार 624 वोट मिले थे।
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विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
वहीं 2010 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार ने लोजपा के राघवेन्द्र कुमार सिंह को 5 हजार 221 वोटों से हराया और विधायक चुने गए। सुनील कुमार को कुल 51 हजार 664 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे राघवेन्द्र कुमार सिंह को कुल 46 हजार 443 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे बीएसपी के अमरनाथ गुप्ता को कुल 8 हजार 55 वोट मिले थे।
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विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
वहीं 2005 में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार ने कांग्रेस के मोहम्मद खलील अंसारी को 21 हजार 253 वोटों से हराया और विधायक चुने गए। सुनील कुमार को कुल 50 हजार 973 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे मोहम्मद खलील अंसारी को कुल 29 हजार 720 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे लोजपा के डॉ. इन्दल सिंह नवीन को कुल 21 हजार 776 वोट मिले थे।
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पिछले तीन चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर 2015 में राजद तो 2010 और 2005 में भारतीय जनता पार्टी को जीत मिली थी। 2015 के चुनाव में राजद, कांग्रेस और जेडीयू का गठबंधन था। लेकिन इस बार जेडीयू फिर से बीजेपी के साथ चुनावी मैदान में है। अब देखना होगा कि इस बार के चुनाव में किस पार्टी को जीत मिलती है।

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