Edited By Harman, Updated: 16 Dec, 2024 02:44 PM
बिहार के प्रतिष्ठित मगध विश्वविद्यालय से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों का वितरण विदेशों में किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यह सूचना वायरल होने के बाद मगध विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर...
गया: बिहार के प्रतिष्ठित मगध विश्वविद्यालय से चौंकाने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, विश्वविद्यालय की फर्जी डिग्रियों का वितरण विदेशों में किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर यह सूचना वायरल होने के बाद मगध विश्वविद्यालय प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई कर दोनों शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। वहीं इस तरह का मामला सामने आने के बाद सनसनी मच गई।
मामले के संबंध में बताया जा रहा है कि जब सोशल मीडिया पर म्यांमार के यंगूनगू से एक पीएचडी डिग्री की तस्वीर सामने आई, जिस पर वर्ष 2024 अंकित था, जबकि यह डिग्री तीन साल पहले दी गई थी। डिग्री पर उस समय के कुलपति के हस्ताक्षर थे, जो संदेहास्पद था। जब इस मामले पर मगध विश्वविद्यालय के वर्तमान कुलपति प्रो. शशि प्रताप शाही ने संज्ञान लिया, तो उन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए।
जांच में पाया गया कि बौद्ध अध्ययन विभाग के अंशकालिक व्याख्याता डॉ. विष्णुशंकर और बोधगया से जुड़े डॉ. कैलाश प्रसाद ने म्यांमार में जाकर फर्जी तरीके से मगध विश्वविद्यालय की डिग्री बांटी थी। इस मामले में विश्वविद्यालय के कुलानुशासक डॉ. उपेंद्र कुमार ने मगध विश्वविद्यालय थाने में बौद्ध अध्ययन विभाग के दोनों शिक्षकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। बता दें कि ऐसे मामले पहले भी कई बार सामने आ चुके हैं।