Edited By Nitika, Updated: 29 Sep, 2020 06:09 PM
बिहार की तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) जमुई जिले के तहत आता है। तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) 1951 से अस्तित्व में है। 1951 में इस सीट पर पहली बार हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस...
जमुईः बिहार की तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) जमुई जिले के तहत आता है। तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) 1951 से अस्तित्व में है। 1951 में इस सीट पर पहली बार हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने जीत हासिल की थी। राय बासुकीनाथ ने कांग्रेस की टिकट पर विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में जीत हासिल की थी।
1957 के चुनाव में भी कांग्रेस (Congress) की टिकट पर राय बासुकीनाथ ने तारापुर से एक बार फिर जीत हासिल की थी। 1962 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर जयमंगल सिंह ने विरोधियों को मात दे दी थी तो 1967 में बीएन प्रशांत ने सोशलिस्ट पार्टी की टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 1969 में तारापुर विधानसभा सीट (Tarapur Assembly Seat) से तारणी प्रसाद सिंह ने शोषित दल के टिकट पर जीत का परचम लहराया था। 1972 में तारणी प्रसाद सिंह ने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की टिकट पर एक बार फिर जीत हासिल की थी। 1977 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में जनता पार्टी की टिकट पर कौशल्या देवी ने सभी विरोधियों को मात दे दी थी।
वहीं 1980 के तारापुर सीट से सीपीआई (CPI) कैंडिडेट नारायण यादव पर जीत हासिल की थी। 1985, 1990, 1995, 2000 और 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में तारापुर सीट पर शकुनी चौधरी ने अपना वर्चस्व बरकरार रखा था, हालांकि हर बार शकुनी चौधरी ने अलग अलग पार्टी से चुनाव लड़ा था लेकिन इसके बावजूद उन्होंने जनता का भरोसा हासिल किया। 25 साल तक शकुनी चौघरी तारापुर सीट का प्रतिनिधित्व विधानसभा में कर रहे थे। 2010 में नीता चौधरी ने जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने तारापुर में जीत हासिल की है। वहीं 2015 में जेडीयू कैंडिडेट एम एल चौधरी ने तारापुर में विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) जीत हासिल की थी।
तारापुर विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में तारापुर सीट पर जेडीयू (JDU) कैंडिडेट एमएल चौधरी ने जीत हासिल की थी। एमएल चौधरी ने 66 हजार 411 वोट हासिल किया था। वहीं हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) के कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 54 हजार 464 वोट मिला था। इस तरह से जेडीयू (JDU) कैंडिडेट एमएल चौधरी ने हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (HAM) के कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 11 हजार 947 वोट से हरा दिया था। वहीं नोटा तीसरे स्थान पर रहा था। नोटा बटन पर 55 सौ 65 वोटरों ने मत दिया था।
तारापुर विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में इस सीट पर जेडीयू (JDU) कैंडिडेट नीता चौधरी ने जीत हासिल की थी। नीता चौधरी ने 44 हजार 582 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी (RJD) कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 30 हजार 704 वोट मिले थे। इस तरह से जेडीयू (JDU) कैंडिडेट नीता चौधरी ने आरजेडी (RJD) कैंडिडेट शकुनी चौधरी को 13 हजार 878 वोट से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस (Congress) कैंडिडेट संजय कुमार ने 18 हजार 282 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

तारापुर विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में इस सीट पर आरजेडी (RJD) कैंडिडेट शकुनी चौधरी ने जीत हासिल की थी। शकुनी चौधरी ने 32 हजार 828 वोट हासिल किया था, जबकि जेडीयू कैंडिडेट राजीव कुमार सिंह को 32 हजार 217 वोट मिला था। इस तरह से शकुनी चौधरी ने राजीव कुमार सिंह को महज 611 वोट के मार्जिन से हरा दिया था। वहीं एलजेपी (LJP) कैंडिडेट अनिल कुमार सिंह ने 8 हजार 908 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।

2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में यहां एनडीए (NDA) और महागठबंधन (Mahagathbandhan) के बीच टक्कर का मुकाबला रहेगा, हालांकि यहां की जनता किस पार्टी के कैंडिडेट को राजतिलक लगाएगी। ये तो चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।