शवों को जलाने के लिए श्मशाम घाट में नहीं मिल रही जगह, सड़क पर अंतिम संस्कार करने को मजबूर लोग

Edited By Nitika, Updated: 12 Apr, 2021 07:08 PM

the death toll from corona is increasing continuously in jharkhand

झारखंड में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा इस कदर बढ़ रहा है कि श्मशाम घाट में शव जलाने की जगह भी कम पड़ रही है। घंटों इंतजार करने के बावजूद भी लोग अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे।

रांचीः झारखंड में कोरोना से मरने वालों का आंकड़ा इस कदर बढ़ रहा है कि श्मशाम घाट में शव जलाने की जगह भी कम पड़ रही है। घंटों इंतजार करने के बावजूद भी लोग अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहे। इसी के चलते लोगों को मजबूरन शवों को खुले में शवों जलाना पड़ रहा है।

दरअसल, पिछले 10 दिनों में रांची के श्मशान घाट और कब्रिस्तान में अचानक शवाें के आने की संख्या में वृद्धि हुई है। रविवार को रिकॉर्ड तोड़ 60 शवों का अंतिम संस्कार हुआ। इनमें 12 शव काेराेना संक्रमिताें के थे, जिनका अंतिम संस्कार घाघरा में सामूहिक चिता सजाकर किया गया। इसके अतिरिक्त 35 शव 5 श्मशान घाटाें पर जलाए गए और 13 शवाें को रातू रोड और कांटाटोली कब्रिस्तान में दफनाया गया। सबसे अधिक शवों का अंतिम संस्कार हरमू मुक्ति धाम में हुआ।

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वहीं मृतकों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि मुक्तिधाम में चिता जलाने की जगह कम पड़ गई। लोगों ने घंटों इंतजार किया, इसके बावजूद भी जगह नहीं मिली तो लोग खुले में ही शव जलाने लगे। श्मशान घाट में जगह नहीं मिली तो लोग मुक्तिधाम के सामने की सड़क पर वाहनों की पार्किंग में ही शवों को रखकर अंतिम क्रिया करने लगे। बता दें कि मार्च में 5 श्मशान और 2 कब्रिस्तान में 347 शवाें का अंतिम संस्कार हुआ था जबकि अप्रैल में 10 दिनों में ही 289 शव पहुंचे हैं।

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