Edited By Ramanjot, Updated: 11 Mar, 2025 10:04 AM

बिहार में पंचायती राज विभाग के संविदा कर्मचारियों के वेतन में पिछले चार वर्षों से बढ़ोतरी नहीं हुई है। SPRC और DPRC में कार्यरत 396 कर्मचारी वेतन वृद्धि के सरकारी आदेश के बावजूद अब तक बढ़ा हुआ वेतन पाने से वंचित हैं।
पटना: बिहार में पंचायती राज विभाग के संविदा कर्मचारियों के वेतन में पिछले चार वर्षों से बढ़ोतरी नहीं हुई है। SPRC और DPRC में कार्यरत 396 कर्मचारी वेतन वृद्धि के सरकारी आदेश के बावजूद अब तक बढ़ा हुआ वेतन पाने से वंचित हैं। 2020 में जारी आदेश को लागू नहीं किए जाने से ये कर्मचारी भविष्य को लेकर चिंतित हैं। इन कर्मचारियों में प्रबंधक, शोधकर्ता और प्रशिक्षक शामिल हैं, जो सरकार से अपनी सैलरी बढ़ाने और अन्य सुविधाएं देने की मांग कर रहे हैं।
चार साल से सैलरी में बढ़ोतरी नहीं, आर्थिक संकट से जूझ रहे कर्मचारी
बिहार में संविदा कर्मचारियों की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं। 24 सितंबर 2020 को सरकार ने एक आदेश जारी किया था, जिसमें वेतन बढ़ाने, भत्तों में बदलाव और अन्य सुविधाओं का प्रावधान था। लेकिन, चार साल बीतने के बाद भी इसे लागू नहीं किया गया।
संविदा कर्मचारियों का कहना है कि महंगाई के इस दौर में पुराने वेतन पर गुजारा करना मुश्किल हो गया है। वेतन बढ़ाने का आदेश चार साल से कागजों में सिमटकर रह गया है।
संविदा कर्मचारी क्या काम करते हैं?
पंचायती राज विभाग में कार्यरत ये कर्मचारी त्रिस्तरीय पंचायत कर्मियों को प्रशिक्षण देने के साथ-साथ ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर योजनाओं को अपलोड करने में भी मदद करते हैं। इन कर्मचारियों की मेहनत से बिहार में पंचायत व्यवस्था सुधर रही है और डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिल रहा है।
बिहार की पंचायतों ने किया बड़ा काम, ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर सबसे आगे
बिहार की पंचायतों ने वित्तीय वर्ष 2025-26 की अपनी विकास योजनाओं को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर समय से पहले अपलोड कर दिया है। 98.50% पंचायतों ने यह काम पूरा कर लिया है, जिससे बिहार देश में पहले स्थान पर पहुंच गया है। पश्चिम बंगाल दूसरे और हरियाणा तीसरे स्थान पर है।