Edited By Nitika, Updated: 31 Mar, 2023 06:18 PM

बिहार विधान परिषद की 5 सीटों पर मतदान जारी है। मतदान सुबह 8 से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चलेगा। वहीं 5 अप्रैल को नतीजों का ऐलान होगा।
चुनाव को लेकर मुख्य मुकाबला सात दलों के महागठबंधन और एनडीए के बीच तय माना जा रहा है।
पटनाः बिहार विधान परिषद की 5 सीटों पर मतदान खत्म हो गया है। मतदान सुबह 8 से शुरू होकर शाम 4 बजे तक चला। वहीं 5 अप्रैल को नतीजों का ऐलान होगा। चुनाव को लेकर मुख्य मुकाबला सात दलों के महागठबंधन और एनडीए के बीच तय माना जा रहा था। राज्य विधान परिषद की 4 सीटों के लिए होने वाले द्विवार्षिक चुनाव तथा विधान पार्षद की मौत से खाली हुई एक अन्य सीट पर उपचुनाव के लिए महागठबंधन और एनडीए ने अपने-अपने प्रत्याशियों की घोषणा कर दी थी। यह चुनाव स्नातक व शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के लिए है। 31 मार्च को वोट डाले गए है। वहीं अब गिनती 5 अप्रैल को होगी।
भाकपा के नेता केदार नाथ पांडेय की मृत्यु के बाद सारण शिक्षक सीट के लिए उपचुनाव हुआ है। पांडेय के बेटे आनंद पुष्कर को पार्टी और महागठबंधन का उम्मीदवार बनाया, जबकि भाजपा ने यहां से धर्मेंद्र सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है। जिन चार सीटों पर 31 मार्च को द्विवार्षिक चुनाव है, उनमें से जदयू के पास तीन सीट हैं। इन सभी सीटों पर महागठबंधन की ओर से जदयू ने उम्मीदवार उतारे हैं।

अपनी-अपनी सीटों को बरकरार रखने की करेंगे कोशिश
राष्ट्रीय जनता दल गया स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पुत्र पुनीत कुमार सिंह को चुनाव मैदान में उतारा । इनका मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अवधेश नारायण सिंह से होगा। जदयू ने विधान पार्षद वीरेंद्र नारायण यादव (सारण स्नातक), संजीव श्याम सिंह (गया शिक्षक) और संजीव कुमार सिंह (कोसी शिक्षक) से अपनी-अपनी सीटों को बरकरार रखने की कोशिश करेंगे।
2026 तक रहेगा उम्मीदवार का कार्यकाल
कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से भाजपा ने रंजन कुमार को जबकि सारण स्नातक में वरिष्ठ नेता महाचंद्र प्रसाद सिंह को मैदान में उतारा । इधर, विकासशील इंसान पार्टी ने भी सारण से समरेंद्र बहादुर सिंह को चुनाव मैदान में उतारा है, जिससे मुकाबला दिलचस्प हो गया है। सारण से जीतने वाले उम्मीदवार का कार्यकाल 2026 तक रहेगा, जबकि अन्य 4 विधान पार्षदों का कार्यकाल 6 वर्षों के लिए होगा।