जब बापू गांधी ने पहली बार बिहार की धरती पर रखे पांव, यहीं से शुरू किया था सत्याग्रह आंदोलन

Edited By Ramanjot, Updated: 02 Oct, 2020 01:06 PM

when bapu gandhi first laid feet on the soil of bihar

भारतीय इतिहास में महात्मा गांधी का नाम सबसे प्रेरणादायक महापुरुषों में शुमार है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए निःस्वार्थ भाव से योगदान दिया था। शांतिपूर्ण स्वभाव के मालिक महात्मा गांधी जी का बिहार से भी खास लगाव रहा है। उन्होंने 10 अप्रैल...

पटनाः भारतीय इतिहास में महात्मा गांधी का नाम सबसे प्रेरणादायक महापुरुषों में शुमार है। उन्होंने देश को आजादी दिलाने के लिए निःस्वार्थ भाव से योगदान दिया था। शांतिपूर्ण स्वभाव के मालिक महात्मा गांधी जी का बिहार से भी खास लगाव रहा है। उन्होंने 10 अप्रैल 1917 को पहली बार बिहार की धरती पर पांव रखे थे। उस समय बिहार में उन्हें कम ही लोग जानते थे वो भी सिर्फ नाम से।

महात्मा गांधी पटना के रेलवे स्टेशन पर चंपारण के किसान नेता राजकुमार शुक्ल के साथ उतरे थे। उसी दिन बापू गांधी लंदन में लॉ के सहपाठी मौलाना मजहरुल हक के घर गए, लेकिन वहां कुछ ही देर रुके। मजहरुल हक ने गांधी जी से कम से कम तीन-चार दिन अपने घर रुकने का आग्रह किया पर गांधी जी चंपारण के किसानों पर हो रहे अंग्रेजी जुल्मों को देखने-जानने को व्याकुल थे। इसलिए वे उसी दिन शाम को मुजफ्फरपुर के लिए रवाना हो गए।

दरअसल, चंपारण के एक रैयत और स्वतंत्रता सेनानी राजकुमार शुक्ल के बुलावे पर महात्मा गांधी अप्रैल 1917 में मोतिहारी आए थे। तब नील की फसल पर तीनकठिया खेती लागू थी। इसके विरोध में गांधी ने चंपारण में ही सत्याग्रह का पहला सफल प्रयोग किया था। आजादी की लड़ाई में यह नए चरण की शुरुआत थी। अंग्रेजों ने चंपारण को सन 1866 में ही स्वतंत्र इकाई बनाया था। 1971 में इसके विभाजन से पूर्वी और पश्चिमी चंपारण दो जिले बन गए।

 

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