बिहार सरकार का बड़ा कदम: घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं को मिलेगा सुरक्षा और कानूनी सहायता

Edited By Ramanjot, Updated: 23 Feb, 2025 08:01 PM

women suffering from domestic violence will get protection and legal aid

बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए एक अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पूरे राज्य में 140 पूर्णकालिक संरक्षण पदाधिकारियों (Protection Officers) की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है।

पटना: बिहार सरकार ने घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की सुरक्षा और सहायता के लिए एक अहम फैसला लिया है। राज्य सरकार ने पूरे राज्य में 140 पूर्णकालिक संरक्षण पदाधिकारियों (Protection Officers) की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। इस कदम के तहत समाज कल्याण विभाग अनुमंडल, जिला और राज्य स्तर पर अधिकारियों की तैनाती करेगा, ताकि महिलाओं को त्वरित और प्रभावी न्याय मिल सके और उन्हें उचित संरक्षण मिल सके।

11 नए 'वन स्टॉप सेंटर' (OSC) की स्थापना

इस योजना के तहत राज्य सरकार महिला सुरक्षा के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, घरेलू हिंसा और अन्य अपराधों से पीड़ित महिलाओं को त्वरित सहायता प्रदान करने के लिए 11 नए 'वन स्टॉप सेंटर' (OSC) खोलने जा रही है। ये नए सेंटर मुजफ्फरपुर, गया, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, पूर्णिया, कटिहार, रोहतास, मधुबनी, कैमूर, औरंगाबाद और जमुई जिलों में स्थापित किए जाएंगे।

अब तक बिहार में 39 वन स्टॉप सेंटर काम कर रहे हैं, जिनमें पटना में दो केंद्र भी शामिल हैं। नए 11 केंद्रों के खुलने के बाद इनकी कुल संख्या 50 तक पहुंच जाएगी। ये केंद्र महिलाओं को त्वरित सहायता, कानूनी मदद और मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करेंगे।

हिंसा के बढ़ते मामलों को देखते हुए उठाया कदम

बिहार सरकार का यह निर्णय घरेलू हिंसा (Domestic Violence) और महिलाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों को देखते हुए लिया गया है। बिहार महिला एवं बाल विकास निगम की अध्यक्ष और समाज कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव, हरजोत कौर बमराह ने कहा कि घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि को ध्यान में रखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है।

आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24

बिहार सरकार द्वारा जारी की गई आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2023-24 के अनुसार, 2022-23 में महिलाओं के खिलाफ कुल 8,002 अपराधों के मामले दर्ज किए गए, जिनमें से 6,952 मामलों का निपटारा किया गया। इन मामलों में सबसे ज्यादा 5,615 मामले घरेलू हिंसा (Domestic Violence) से जुड़े थे। इसके अलावा, दहेज उत्पीड़न (Dowry Harassment) के 708 मामले, बलात्कार (Rape) के 147 मामले और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) के 23 मामले भी दर्ज किए गए थे।

महिला सुरक्षा के लिए मजबूत कदम

हरजोत कौर बमराह ने कहा कि महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए बिहार सरकार ने दहेज निषेध अधिनियम (Dowry Prohibition Act) और बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 (Child Marriage Prohibition Act) जैसे कड़े कानून पहले ही लागू कर दिए हैं। इसके अतिरिक्त, 101 अनुमंडल स्तर पर, 38 जिला स्तर पर और 1 राज्य स्तर पर संरक्षण पदाधिकारी (Protection Officer) की नियुक्ति की जाएगी।

कानूनी और संरचनात्मक सहायता

नई पहल के तहत महिलाओं को घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीड़न और यौन शोषण जैसी समस्याओं से बचाने के लिए उन्हें कानूनी (Legal) और संरचनात्मक सहायता (Structural Assistance) प्रदान की जाएगी। इसके अलावा, ओएससी केंद्र महिलाओं को मानसिक, कानूनी और चिकित्सा सहायता (Psychological, Legal, and Medical Help) भी उपलब्ध कराएंगे, ताकि वे अपनी समस्याओं का समाधान जल्दी से पा सकें और पुनः समाज में आत्मनिर्भर बन सकें।

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