पटना में संपन्न हुई एशियाई जलपक्षी गणना बैठक, आर्द्रभूमि और प्रवासी पक्षी संरक्षण को मिला बढ़ावा

Edited By Ramanjot, Updated: 11 May, 2025 06:16 PM

asian waterfowl census meeting concluded in patna

जलचरों और आर्द्रभूमियों के संरक्षण को लेकर आयोजित दो दिवसीय बैठक “एशियन वॉटरबर्ड सेन्सस इंडिया कोऑर्डिनेटर्स मीटिंग” का रविवार को सफल समापन हुआ।

पटना:जलचरों और आर्द्रभूमियों के संरक्षण को लेकर आयोजित दो दिवसीय बैठक “एशियन वॉटरबर्ड सेन्सस इंडिया कोऑर्डिनेटर्स मीटिंग” का रविवार को सफल समापन हुआ। इस कार्यशाला का आयोजन बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी, वेटलैंड्स इंटरनेशनल साउथ एशिया तथा बिहार राज्य पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के संयुक्त प्रयास से किया गया।

इस बैठक में बिहार सहित विभिन्न राज्यों ,गोवा, कर्नाटक, झारखंड, मणिपुर, ओडिशा, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, उत्तराखंड, केरल, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। शामिल प्रतिभागियों में राज्य स्तरीय समन्वयक, वन विभाग के अधिकारी, वैज्ञानिक, वेटलैंड विशेषज्ञ और स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि शामिल थे। 

बैठक में एडब्ल्यूसी डेटा की गुणवत्ता और मानकीकरण, नागरिकों की भागीदारी बढ़ाने की रणनीति , नीतिगत निर्णयों में एडब्ल्यूसी डेटा का उपयोग, प्राथमिक आर्द्रभूमियों की राष्ट्रीय पहचान जैसे विषयों पर चर्चा हुई।

मीटिंग का उद्देश्य भारत में एशियन वॉटरबर्ड सेन्सस की वर्तमान स्थिति की समीक्षा, राज्यों के अनुभवों का आदान-प्रदान, और एक समन्वित निगरानी रणनीति का विकास था। यह पहल अंतरराष्ट्रीय समझौतों जैसे रामसर कन्वेंशन, कन्वेंशन ऑन माइग्रेटरी स्पीशीज और जैव विविधता संधि को भी मजबूती देती है।

बैठक में बिहार की भूमिका को विशेष सराहना मिली। राज्य ने वर्ष 2022 से लगातार चार वर्षों तक पूरे बिहार में व्यवस्थित रूप से एडब्ल्यूसी सर्वेक्षण आयोजित कर मिसाल पेश की है। यह उपलब्धि बिहार को देश के अन्य राज्यों से अलग पहचान देती है।

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