Edited By Nitika, Updated: 23 Nov, 2022 01:38 PM

बिहार में महागठबंधन सरकार पर शिक्षकों के एक लाख से अधिक स्वीकृत पदों को भरने के पूर्ववर्ती राजग सरकार के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने इस मुद्दे पर विधानसभा सत्र को बाधित करने की धमकी दी।
पटनाः बिहार में महागठबंधन सरकार पर शिक्षकों के एक लाख से अधिक स्वीकृत पदों को भरने के पूर्ववर्ती राजग सरकार के वादे से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए भाजपा ने इस मुद्दे पर विधानसभा सत्र को बाधित करने की धमकी दी।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने यह आरोप लगाते हुए पलटवार किया कि भाजपा ऐसी बातें करके 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र की विफलताओं से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश कर रही है। गौरतलब है कि जदयू ने इस साल की शुरुआत में भाजपा से नाता तोड़कर महागठबंधन की सरकार बना ली थी। भारतीय जनता पार्टी की बिहार इकाई के अध्यक्ष संजय जायसवाल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘बिहार में राजग के शासनकाल में, राज्य सरकार ने विधानसभा को बताया था कि सीटीईटी या बीटीईटी पास करने वाले उम्मीदवारों में से लगभग 1.25 लाख शिक्षकों की नियुक्ति की जाएगी। यह अभी होना बाकी है और युवा पुरुषों और महिलाओं को नियुक्ति को लेकर सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ा।'' उन्होंने कहा, ‘‘एक जिम्मेदार विपक्ष के रूप में यह हमारा कर्तव्य है और हम चाहते हैं कि सरकार 13 दिसंबर को शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले कुछ ठोस आश्वासन दे।''
वहीं चेतावनी देते हुए जायसवाल ने कहा, ‘‘अन्यथा हम सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे।'' भाजपा नेता ने आरोप लगाया, ‘‘उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने 10 लाख नौकरियां देने का वादा किया था। उनकी पार्टी को सत्ता में आए तीन महीने हो चुके हैं। नई नौकरियां देना तो दूर उनकी सरकार उन नियुक्तियों को दबाए बैठी है जिसके लिए पिछली सरकार ने सैद्धांतिक रूप से अनुमोदन दिया था।'' जायसवाल के बयान पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जदयू संसदीय बोर्ड के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘‘जब विपक्ष द्वारा संसद की कार्यवाही बाधित की जाती है तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शिकायत करते हैं। लेकिन अब, उनके लोग बिहार में ऐसा करने की कोशिश कर रहे हैं।''
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि नीतीश कुमार नीत सरकार रोजगार सृजन की दिशा में काम कर रही है लेकिन इन चीजों में कई कदम शामिल हैं और इसमें समय लगता है। कुशवाहा ने कहा, ‘‘यह बहुत हास्यास्पद है कि उस पार्टी द्वारा 10 लाख नौकरियों का वादा पूरा नहीं करने का आरोप लगाया जा रहा है जो हर साल दो करोड़ नौकरियों का वादा करके सत्ता में आई थी और लगभग एक दशक बाद भी पूरा नहीं कर पाई है।'' उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा की हरकतें और कुछ नहीं बल्कि केंद्र में अपनी सरकार की विफलता से जनता का ध्यान हटाने का प्रयास है और 2024 के लोकसभा चुनाव में यह पार्टी बुरी तरह हारेगी।