Edited By Ramanjot, Updated: 08 Dec, 2022 04:49 PM

कुढ़नी सीट पर हुए कांटे के मुकाबले में गुप्ता को 76,653 मत प्राप्त हुए जबकि कुशवाहा को 73,008 वोट मिले। इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन से चुनाव में उतरे थे जिसमें राष्ट्रीय जनता दल एक घटक है।...
मुजफ्फरपुरः भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन से कुढ़नी सीट छीन ली । इस सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा उम्मीदवार केदार प्रसाद गुप्ता ने नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा को 3,645 मतों से पराजित कर दिया। नीतीश कुमार कुछ ही महीने पहले भारतीय जनता पार्टी से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल के साथ गठबंधन कर महागठबंधन में शामिल हुए थे।
सुशील मोदी ने नीतीश से मांगा इस्तीफा
कुढ़नी सीट पर हुए कांटे के मुकाबले में गुप्ता को 76,653 मत प्राप्त हुए जबकि कुशवाहा को 73,008 वोट मिले। इस सीट पर जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवार मनोज सिंह कुशवाहा राज्य में सत्तारूढ़ महागठबंधन से चुनाव में उतरे थे जिसमें राष्ट्रीय जनता दल एक घटक है। बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कुढ़नी में भाजपा को मिली जीत के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा है। सुशील मोदी ने कहा कि नीतीश कुमार के महागठबंधन ने कुढ़नी में करोड़ों रूपए पानी की तरह बहाए, सारे हथकंडे अपनाए, फिर भी वहां के मतदाजाओं ने भाजपा की जीत पक्की की। उन्होंने कहा कि चुनाव में लालू जी के नाम का भी उपयोग किया गया, उनके किडनी प्रतिरोपण का विषय उठाकर भावनात्मक कार्ड खेला गया, मुख्यमंत्री ने भी कई सभाएं की और इस चुनाव को प्रतिष्ठा का प्रश्न बनाया। लेकिन उपचुनाव में अंतत: भाजपा ने जीत हासिल की।
हमें जनता के हिसाब से चलना पड़ेगाः जदयू
वहीं, भाजपा नेता एवं राज्य के पूर्व मंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जबर्दस्त भरोसा व्यक्त किया है और चुनाव परिणाम महागठबंधन के मुंह पर तमाचा है। वहीं, जनता दल यूनाइटेड के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने ट्वीट में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की कविता ‘क्या हार में, क्या जीत में' की कुछ पंक्तियों के साथ अपने ट्वीट में कहा, ‘‘कुढ़नी के परिणाम से हमें बहुत कुछ सीखने की ज़रूरत है। पहली सीख- “जनता हमारे हिसाब से नहीं बल्कि हमें जनता के हिसाब से चलना पड़ेगा।” इस सीट पर चुनाव कराने की जरूरत इसलिये हुई क्योंकि राजद के वर्तमान विधायक अनिल कुमार सहनी को अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वर्ष 2020 में हुए चुनाव में सहनी ने अपने निकटतम प्रतिद्वन्द्वी भाजपा के केदार गुप्ता को करीब 700 वोटों से पराजित किया था।