Edited By Ramanjot, Updated: 15 Aug, 2023 02:55 PM

सीबीआई के विशेष प्रभारी न्यायाधीश महेश कुमार की अदालत में एक आवेदन दाखिल कर सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एल. आर. अंसारी ने रजनी प्रिया से हिरासती पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की अनुमति मांगी थी। सुनवाई के बाद अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए रजनी प्रिया...
पटना: पटना की एक विशेष अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को बिहार के बहुचर्चित सृजन घोटाले के कई मामलों में आरोपित और छह वर्षों तक फरार रहने के बाद गिरफ्तार मुख्य अभियुक्त रजनी प्रिया से हिरासत में चार दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी।
21 अगस्त तक न्यायिक हिरासत में रहेगी रजनी प्रिया
सीबीआई के विशेष प्रभारी न्यायाधीश महेश कुमार की अदालत में एक आवेदन दाखिल कर सीबीआई के विशेष लोक अभियोजक एल. आर. अंसारी ने रजनी प्रिया से हिरासती पूछताछ के लिए पुलिस रिमांड की अनुमति मांगी थी। सुनवाई के बाद अदालत ने आवेदन स्वीकार करते हुए रजनी प्रिया से चार दिनों तक पुलिस रिमांड में पूछताछ के लिए सीबीआई को सौंप जाने का आदेश पटना के बेऊर जेल कारा अधीक्षक को दिया है। सीबीआई ने रजनी प्रिया को दिल्ली में गिरफ्तार करने के बाद गाजियाबाद की एक अदालत से ट्रांजिट रिमांड लेकर 11 अगस्त 2023 को पटना स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया था, जहां न्यायालय ने उसे न्यायिक हिरासत में लेने के बाद 21 अगस्त तक के लिए पटना के आदर्श केंद्रीय कारागार बेउर भेजने का आदेश दिया था।
करोड़ो रुपयों का है यह घोटाला
मामला करोड़ो रुपयों के सृजन घोटाला से जुड़ा है। अदालत में मामला विशेष वाद संख्या 12/ 2020 के रूप में दर्ज है जबकि सीबीआई ने इस मामले की प्राथमिकी आरसी 14/ ए / 2017 के रूप में दर्ज की थी। आरोप के अनुसार, भागलपुर जिले में महिला सशक्तिकरण एवं सुद्दढ़ीकरण की सरकारी योजनाओं की करोड़ों रुपयों की सरकारी राशि का सरकारी कर्मचारियों एवं सृजन महिला विकास सहयोग समिति नामक स्वयंसेवी संस्था की मिलीभगत से धोखाधड़ी एवं जालसाजीपूर्वक गबन का है। प्रस्तुत मामले में सीबीआई ने भागलपुर के पूर्व जिलाधिकारी के. पी. रमैया समेत 27 लोगों के खिलाफ 18 मार्च 2020 को आरोप पत्र दाखिल किया है। आरोप पत्र में सृजन की संचालिका मनोरमा देवी को मृत दिखाया गया है जबकि मनोरमा देवी के पुत्र अमित कुमार एवं पुत्रवधू रजनी प्रिया को फरार दिखाया गया था।