जहरीली शराबकांडः पीड़ितों को मुआवजा देने से इनकार करने पर विरोधियों में घिरे CM नीतीश

Edited By Ramanjot, Updated: 18 Dec, 2022 12:57 PM

cm nitish surrounded by opponents for refusing to give compensation

चिराग ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि न दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की ‘‘जिद'' पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘वह दोहरा मापदंड क्यों अपना रहे हैं। शराबबंदी कानून लागू होने के कुछ ही समय बाद 2016 में निकटवर्ती जिले गोपालगंज में जहरीली शराब...

पटनाः बिहार में नीतीश कुमार सरकार के सारण जहरीली शराब त्रासदी में मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने से इनकार करने पर शनिवार को विरोधियों और सहयोगियों की ओर से आलोचनाओं का सामना करना पड़ा। सारण जिला प्रशासन ने जहरीली शराब के संदिग्ध सेवन के बाद मंगलवार रात से अब तक 30 मौतों की पुष्टि की है, जो छह साल पहले शराबबंदी के बाद से राज्य में सबसे बड़ी त्रासदी है।

दोहरा मापदंड क्यों अपना रहे हैं नीतीशः चिराग
हालांकि, विपक्षी दल भाजपा ने बिहार विधानसभा के भीतर और राज्यपाल फागू चौहान को सौंपे गए एक ज्ञापन में लोजपा नेता चिराग पासवान ने दावा किया है कि मरने वालों की संख्या सौ से अधिक है। चिराग ने शोक संतप्त परिवार के सदस्यों को अनुग्रह राशि न दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री की ‘‘जिद'' पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘‘वह दोहरा मापदंड क्यों अपना रहे हैं। शराबबंदी कानून लागू होने के कुछ ही समय बाद 2016 में निकटवर्ती जिले गोपालगंज में जहरीली शराब कांड हुआ था। उन्होंने तब पीड़ितों को मुआवजा दिया था।'' उल्लेखनीय है कि सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री पद पर आसीन रहे नीतीश ने मुआवजे के मुद्दे पर अपना रूख स्पष्ट करते हुए शुक्रवार को कहा था कि प्रदेश में शराबबंदी गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित है, सेवन करने वालों ने जिसका उल्लंघन किया है और इसलिए ‘‘वे इस ‘गंदे काम' के लिए किसी मुआवजे के हकदार नहीं हैं।''

नीतीश हर मामले में यू-टर्न लेते रहे हैंः सुशील मोदी
भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश की पिछली राजग सरकार में उपमुख्यमंत्री रहे सुशील कुमार मोदी ने भी अलग से सारण का दौरा किया और पीड़ितों को मुआवजा देने पर समान विचार व्यक्त किए। नीतीश के कभी भरोसेमंद माने जाने वाले सुशील ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री ने शराबबंदी के बावजूद 2016 में गोपालगंज के पीड़ितों को मुआवजा दिया था। अब उनका कहना है कि सारण पीड़ितों को मुआवजा दिए जाने से शराबबंदी प्रभावित होगी। इससे पता चलता है कि वह हर मामले में यू-टर्न लेते रहे हैं।'' चिराग और सुशील नीतीश के उस कथन कि ‘‘पियोगे तो मरोगे'' पर नाराजगी जताते हुए इसे बेहद असंवेदनशील बताया।

भाकपा माले ने की पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की मांग
राजनीतिक रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर, जो बिहार के मुख्यमंत्री के पूर्व करीबी सहयोगी थे, ने कहा कि मुख्यमंत्री की ‘‘पियोगे तो मरोगे'' की टिप्पणी पर उन्हें नीतीश के साथ काम करने पर पछतावा हो रहा है। बाहर से महागठबंधन सरकार का समर्थन कर रही भाकपा माले ने जहरीली शराब से मरने वालों के परिजनों को केवल मुआवजा ही नहीं बल्कि पीड़ित परिवारों के पुनर्वास की भी मांग की है। भाकपा माले ने एक बयान में कहा कि वह शराब माफिया और पूरे राज्य में प्रशासनिक मशीनरी, जिसे उन्होंने सारण जहर त्रासदी के लिए जिम्मेदार ठहराया है, के बीच सांठ-गांठ के विरोध में सोमवार को सड़कों पर उतरेगी। पार्टी ने कहा कि उसने स्थिति का जायजा लेने के लिए शुक्रवार को वर्तमान और पूर्व विधायकों सहित तीन सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को सारण भेजा था।

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