Edited By Swati Sharma, Updated: 20 Sep, 2023 04:24 PM

महिला आरक्षण बिल को लेकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए, इसमें कुछ विरोधाभास है। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि पहले जनगणना हो जानी चाहिए थी, उसके बाद ये बिल लाया जाता...
पटनाः महिला आरक्षण बिल को लेकर भाकपा माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपांकर भट्टाचार्य ने साफ तौर पर कहा कि केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए, इसमें कुछ विरोधाभास है। इसके साथ ही साथ उन्होंने कहा कि पहले जनगणना हो जानी चाहिए थी, उसके बाद ये बिल लाया जाता है तो बेहतर होता।
बता दें कि केंद्र ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने को लेकर मंगलवार को संविधान संशोधन विधेयक पेश किया। सरकार ने कहा कि इससे राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर नीति-निर्माण में महिलाओं की अधिक भागीदारी हो सकेगी और 2047 तक भारत को एक विकसित देश बनाने के लक्ष्य को हासिल करने में मदद मिलेगी।
वहीं, परिसीमन प्रक्रिया शुरू होने के बाद महिला आरक्षण लागू होगा और 15 वर्षों तक जारी रहेगा। प्रत्येक परिसीमन प्रक्रिया के बाद महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में बदलाव किया जाएगा।