Edited By Nitika, Updated: 07 Aug, 2022 01:50 PM

बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच के तहत शनिवार को निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रंजीत कुमार रजक से जुड़े परिसरों की तलाशी ली गई।
पटनाः बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने आय से अधिक संपत्ति (डीए) मामले की जांच के तहत शनिवार को निलंबित पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) रंजीत कुमार रजक से जुड़े परिसरों की तलाशी ली गई। इस दौरान डीएसपी की काली कमाई का पर्दाफाश हुआ। इसमें चौकाने वाली बात तो यह है कि आखिर 7 साल की नौकरी में डीएसपी करोड़पति कैसे बन गया। इतना ही नहीं उसने पत्नी और ससुर तक के नाम पर भी संपत्ति खरीदी थी।
ईओयू के एडीजी नैय्यर हसनैन खान ने जानकारी देते हुए बताया कि डीएसपी ने परिवार के सदस्यों के नाम पर काफी संपत्ति बना ली थी। ईओयू को गुप्त सूचना प्राप्त हुई थी कि रंजीत कुमार ने अपने पद का दुरुपयोग कर कई परिसम्पत्तिया अपने और अपने परिजनों के नाम से अर्जित कर रखी है। ये संपत्ति उसकी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक है। वहीं आय से अधिक संपत्ति 63.79 लाख रुपए की है, जो उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से 81.9 प्रतिशत अधिक है। ईओयू ने कहा, ‘‘पटना, कटिहार और अररिया जिलों में रजक से जुड़े 4 परिसरों की तलाशी ली गई। एजेंसी के अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण सबूत और आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए हैं।''
बता दें कि बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस 14 में सेवा अवधि के दौरान रंजीत कुमार रजक ने राज्य द्वारा नियुक्ति हेतु आयोजित विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में प्रतिनियुक्त रहते हुए परीक्षाओं में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी की थी। साथ ही अवैध तरीके से काफी परिसम्पत्ति अर्जित की। इससे पहले उनके पास पैतृक संपत्ति के अतिरिक्त कोई और संपत्ति नहीं थी।