Edited By Ramanjot, Updated: 14 Feb, 2025 06:28 PM
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नालंदा जिले में जेडीयू नेता रिशु कुमार पर आपराधिक नियंत्रण अधिनियम (CCA) के तहत की गई कार्रवाई प्रशासन पर भारी पड़ गई।
पटना: नालंदा जिले में जेडीयू नेता रिशु कुमार पर आपराधिक नियंत्रण अधिनियम (CCA) के तहत की गई कार्रवाई प्रशासन पर भारी पड़ गई। पटना उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी शशांक शुभंकर द्वारा लिए गए फैसले को गलत ठहराया और उन पर 5000 रुपये का जुर्माना लगाया। कोर्ट के आदेश के तहत यह राशि रिशु कुमार को दी गई।
पटना हाईकोर्ट ने CCA कार्रवाई को माना गलत
CCA के तहत हुई इस कार्रवाई के बाद रिशु कुमार ने पटना उच्च न्यायालय में DM के आदेश को चुनौती दी थी। महज सात दिनों के भीतर ही अदालत ने जिलाधिकारी के फैसले पर रोक लगा दी। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने प्रशासन द्वारा की गई कार्रवाई को अनुचित मानते हुए CCA के आदेश को रद्द कर दिया और DM को 5000 रुपये बतौर जुर्माना अदा करने का निर्देश दिया।
अदालत के आदेश में देरी पर अवमानना वाद दाखिल
हालांकि, निर्धारित समय सीमा बीत जाने के बाद भी DM ने अदालत के आदेश का पालन नहीं किया, जिससे मजबूर होकर रिशु कुमार को उनके खिलाफ अवमानना वाद दायर करना पड़ा। इसके बाद हाईकोर्ट ने एक बार फिर 14 फरवरी की अंतिम तिथि तय करते हुए चेतावनी दी कि यदि राशि नहीं दी गई तो अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
आखिरकार चेक से हुई भरपाई
कोर्ट के निर्देश के बाद डीएम ने सरकारी कर्मी के जरिए रिशु कुमार के घर 5000 रुपये का चेक भिजवाया और इसे हस्ताक्षरित कर अवगत कराया। इस फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए रिशु कुमार ने कहा, "भगवान के घर देर है, अंधेर नहीं! हम अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। लोकतंत्र में किसी भी अधिकारी की तानाशाही स्वीकार नहीं की जाएगी।"
क्या है CCA?
अपराध नियंत्रण अधिनियम (CCA) का उपयोग प्रशासन द्वारा आदतन अपराधियों पर नकेल कसने के लिए किया जाता है। इसके तहत, ऐसे अपराधियों को थाना, जिला या राज्य से बाहर किया जा सकता है और उन्हें नियमित रूप से पुलिस थाने में हाजिरी देनी पड़ती है। जिलाधिकारी इस कानून के तहत कार्रवाई के लिए थानाध्यक्षों को निर्देश देते हैं, ताकि कानून-व्यवस्था बनी रहे।