Edited By Ramanjot, Updated: 03 Jun, 2025 12:48 PM

डा. प्रेम कुमार ने सोमवार बिहार राज्य शहद उत्पादन एवं विपणन संघ का निबंधन का प्रमाण-पत्र संघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद को सौंपा। इस अवसर पर डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अब संघ के माध्यम से बिहार की शहद को एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में बाजार में उपलब्ध...
पटना: बिहार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार (Dr. Prem Kumar) ने कहा कि शहद उत्पादन एवं विपणन संघ के गठन के बाद अब प्रदेश के शहद उत्पादकों का बाजार तक बेहतर पहुंच संभव हो पाएगा और उन्हें बेहतर मूल्य उपलब्ध हो सकेगा।
बिचौलियों की भूमिका होगी कम
डा. प्रेम कुमार ने सोमवार बिहार राज्य शहद उत्पादन एवं विपणन संघ का निबंधन का प्रमाण-पत्र संघ के अध्यक्ष शंकर प्रसाद को सौंपा। इस अवसर पर डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि अब संघ के माध्यम से बिहार की शहद को एक विशिष्ट ब्रांड के रूप में बाजार में उपलब्ध कराया जाना संभव हो सकेगा। उन्होंने कहा कि संघ के द्वारा अंतररष्ट्रीय मानकों के अनुरूप शहद का प्रसंस्करण एवं पैकेजिंग सुविधा उपलब्ध करा कर अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसके निर्यात का भी अवसर उपलब्ध कराया जाना संभव हो सकेगा। संघ किसानों को सीधे खरीदारों, थोक विक्रेताओं और खुदरा बाजारों से जोड़ेगा, जिससे बिचौलियों की भूमिका कम होगी एवं किसानों को अपने उत्पाद का उचित मूल्य मिल पाना संभव हो सकेगा।
शहद उत्पादकों के लिए सरकार की महत्वपूर्ण पहल
मंत्री ने कहा कि बिहार राज्य शहद उत्पादन एवं विपणन संघ बिहार के शहद उत्पादकों के लिए राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा यह संघ राज्य के किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में भी अपनी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। यह संघ राज्य के मधुमक्खी पालकों को एक मंच पर लाकर उन्हें संगठित करने में सहयोग प्रदान करेगा। साथ ही यह राज्य के छोटे एवं सीमांत किसानों को एक समूह के रूप में बाजार में प्रतिस्पर्धा करने की शक्ति प्रदान करेगा।
संघ किसानों को आधुनिक मधुमक्खी पालन तकनीक, गुणवत्तापूर्ण शहद उत्पादन एवं प्रसंस्करण तकनीक की जानकारी उपलब्ध कराएगा। यह संघ किसानों से शहद खरीद कर उसे ब्रांडेड एवं प्रमाणित रूप में राष्ट्रीय एवं अंतररष्ट्रीय बाजारों में उपलब्ध कराएगा, जिससे कि शहद उत्पादक किसानों को बेहतर मूल्य प्राप्त हो सकेगा। बिहार राज्य शहद उत्पादन एवं विपणन संघ न केवल शहद उत्पादकों को सहयोग प्रदान करेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुद्दढ़ करने का एक प्रभावी माध्यम भी बन सकेगा।