Edited By Ramanjot, Updated: 10 Apr, 2025 06:24 PM

क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड की दुनिया में भारत ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित कर दी है। 'ए क्लू ए डे' (ACAD) क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड कॉन्टेस्ट के मार्च संस्करण के नतीजे जारी कर दिए गए हैं
पटना:क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड की दुनिया में भारत ने एक बार फिर अपनी बादशाहत साबित कर दी है। 'ए क्लू ए डे' (ACAD) क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड कॉन्टेस्ट के मार्च संस्करण के नतीजे जारी कर दिए गए हैं और देश के उभरते युवा मस्तिष्कों ने न सिर्फ राष्ट्रीय स्तर पर अपना दबदबा बनाया, बल्कि वैश्विक मंच पर भी भारत को गौरवान्वित किया।
लुधियाना के BCM आर्य मॉडल सीनियर सेकेंडरी स्कूल की दो प्रतिभाशाली छात्राएं — आयशा और भार्गव विनायक — ने एक बार फिर अपनी राष्ट्रीय टॉप रैंकिंग को बरकरार रखते हुए बता दिया कि भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं। जहां आयशा ने ACAD कैटेगरी में बाज़ी मारी, वहीं भार्गव ने ACAD प्लस श्रेणी में पहला स्थान हासिल किया।
क्रॉसवर्ड के शौकीनों के लिए यह खबर किसी उत्सव से कम नहीं है, क्योंकि इस बार ACAD ग्लोबल श्रेणी के तीनों विजेता भी भारत से ही रहे। हरीश कामथ ने पहले स्थान पर कब्जा किया, समीत कल्याणपुर रहे दूसरे स्थान पर, और तीसरे पायदान पर रहे रमाकृष्णन कृष्णन।
प्रतियोगिता के सीनियर वर्ग में भी नए चेहरे उभरकर सामने आए हैं। बेंगलुरु के संजय गुप्ता ने ACAD सीनियर में पहला स्थान हासिल किया है, जबकि पुणे के अनंतकृष्णन नारायणन और बेंगलुरु के एस एस पार्थसारथी ने क्रमशः दूसरा और तीसरा स्थान पाया।
ACAD-Quad नामक इस प्रतियोगिता की खास बात यह है कि यह चार अलग-अलग श्रेणियों में आयोजित होती है, ताकि स्कूल से लेकर वैश्विक मंच तक हर प्रतिभागी को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिले।
इस अनूठे कॉन्टेस्ट को वर्ष 2013 में पटना स्थित Extra-C संस्था द्वारा शुरू किया गया था, और आज यह भारत में क्रिप्टिक क्रॉसवर्ड हल करने वालों का सबसे बड़ा डिजिटल मंच बन चुका है। यहां रोज़ाना एक नया क्लू जारी किया जाता है — जो दिमाग को तेज़ करने के साथ-साथ अंग्रेज़ी भाषा और लॉजिकल थिंकिंग को भी मज़बूत करता है।
ACAD की यह सफलता न सिर्फ भारत की युवा प्रतिभा को सामने ला रही है, बल्कि यह भी दर्शा रही है कि देश में बौद्धिक खेलों के प्रति रुझान कितना गहरा हो रहा है।