बिहार के ग्रामीण स्कूलों और कॉलेजों में कम उपस्थिति ने बढ़ाई प्रशासन की चिंता, कक्षा में केवल 5 से 10 % छात्र मौजूद

Edited By Ramanjot, Updated: 07 Sep, 2022 05:40 PM

low attendance in bihar s schools became a cause for concern

शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं उजागर किए जाने की शर्त पर बताया, ‘‘अधिकारी यह जानकर हैरान रह गए कि कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं में दस प्रतिशत से भी कम छात्र उपस्थित थे जबकि कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं में उपस्थिति पांच प्रतिशत से कम थी।''...

पटनाः बिहार के ग्रामीण स्कूलों में विद्यार्थियों के नामांकन में वृद्धि तो हुई है लेकिन विशेष रूप से मगध प्रक्षेत्र में उपस्थिति में भारी गिरावट प्रशासन के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बन गया है। अधिकारियों को 26 अगस्त को एक औचक जांच ने चौंका दिया क्योंकि उन्हें ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में 9वीं, 10वीं, 11वीं और 12वीं में कक्षाएं लगभग खाली मिलीं। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में बेहतर छात्र-शिक्षक अनुपात होने के बावजूद विभिन्न कक्षाओं में उपस्थिति केवल पांच से 10 प्रतिशत के बीच थी। 

कक्षा में 10 % से भी कम छात्र उपस्थित 
शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने अपना नाम नहीं उजागर किए जाने की शर्त पर बताया, ‘‘अधिकारी यह जानकर हैरान रह गए कि कक्षा 9वीं और कक्षा 11वीं में दस प्रतिशत से भी कम छात्र उपस्थित थे जबकि कक्षा 10वीं और कक्षा 12वीं में उपस्थिति पांच प्रतिशत से कम थी।'' अधिकारियों ने 26 अगस्त को गया, नवादा, औरंगाबाद, जहानाबाद और अरवल जिलों के ग्रामीण स्कूलों का औचक निरीक्षण किया था। अधिकारी ने कहा, ‘‘अधिकारी औचक निरीक्षण के निष्कर्षों का विश्लेषण कर रहे हैं। हम बच्चों को स्कूलों में लाने का तरीका खोजने के लिए प्रधानाचार्यों और अभिभावकों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं।'' 

मुझे इन बातों के बारे में पता हैः शिक्षा मंत्री 
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, बिहार में 72663 सरकारी स्कूल हैं जिनमें 42573 प्राथमिक, 25587 उच्च प्राथमिक, 2286 माध्यमिक और 2217 उच्च माध्यमिक विद्यालय शामिल हैं। बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने कहा, ‘‘मुझे इन बातों के बारे में पता है, लेकिन मुझे यकीन है कि यह जल्द ही काफी बदल जाएगा। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में हमारी सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है। शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को इस समस्या का समाधान खोजना होगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘मैं सभी हितधारकों से अनुरोध करता हूं, कृपया मुझे स्थिति में सुधार के लिए सख्त उपचारात्मक कदम उठाने के लिए मजबूर न करें।''

एक अन्य अधिकारी ने कहा कि इसी तरह की कवायद आठ सितंबर को सारण, सीवान, गोपालगंज और वैशाली जिलों में किए जाने की उम्मीद है। उनके अनुसार स्कूलों के अलावा राज्य के ग्रामीण इलाकों में सरकारी कॉलेजों में गिरती उपस्थिति भी एक समस्या है। अधिकारी ने कहा, ‘‘विभाग ने हाल ही में राज्य के सभी विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को पत्र भेजकर जनवरी 2023 से छात्रों के लिए बायोमेट्रिक उपस्थिति प्रणाली शुरू करने के लिए कहा है।'' मंत्री ने कहा, ‘‘हम स्कूलों और कॉलेजों में छात्रों की उपस्थिति में सुधार के लिए कई उपाय कर रहे हैं। राज्य के बजट में शिक्षा को सबसे अधिक बजटीय आवंटन मिल रहा है। चालू वित्त वर्ष में इसके लिए 51000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।''

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