Edited By Swati Sharma, Updated: 13 Jun, 2023 06:34 PM

Bihar Politics: हम पार्टी के अध्यक्ष और बिहार कैबिनेट में एससी-एसटी मंत्री संतोष सुमन मांझी के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार की राजनीति में नया उफान आ गया है। वहीं इस पर गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक गोपाल मंडल ने जीतन राम मांझी...
भागलपुरः हम पार्टी के अध्यक्ष और बिहार कैबिनेट में एससी-एसटी मंत्री संतोष सुमन मांझी के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद बिहार की राजनीति में नया उफान आ गया है। इस पर बिहार की सभी पार्टियों की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं। इसी कड़ी में गोपालपुर विधानसभा क्षेत्र से जदयू विधायक गोपाल मंडल ने जीतन राम मांझी को लेकर विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि जीतन राम मांझी कोई बड़े नेता नहीं है, जिनके रहने या जाने से सरकार को प्रभाव पड़ेगा।
"महागठबंधन का दरबार खुला हुआ है, जिसे आना है आए, जिसे जाना है जाए"
गोपाल मंडल ने कहा कि मांझी के बेटे की उम्र कम है, इसलिए उसमें समझदारी की कमी है। कोई अपना इस्तीफा तब देता है, जब वह जानता है कि अब उसका महत्व खत्म हो गया है। उन्होंने कहा कि मांझी को नीतीश कुमार ने बनाया था। मांझी नेता बनने लगे, रह-रहकर बयान देने लगे। यह अच्छी बात नहीं है। उन्होंने कहा कि हम का जदयू में विलय करना कोई गलत बात नहीं थी। उन्हें विलय कर लेना चाहिए था। लेकिन उन्हें भागना था और वह भाग गए। मंडल ने कहा कि महागठबंधन का दरबार खुला हुआ है, जिसे आना है आए, जिसे जाना है जाए। कोई फर्क नहीं पड़ता है।
मांझी के बेटे ने दिया इस्तीफा
बता दें कि नीतीश कुमार ने 23 जून को पटना में विपक्षी एकता के लिए 18 दलों की बैठक बुलाई है। बैठक से 10 दिन पहले मंगलवार को बिहार की महागठबंधन सरकार से हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के बेटे डॉ. संतोष सुमन ने इस्तीफा दे दिया है। उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) ने इसकी घोषणा की। सुमन अनुसूचित जाति जनजाति कल्याण मंत्री थे। बिहार में हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के 4 विधायक हैं।