Edited By Harman, Updated: 07 Oct, 2024 04:28 PM
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने नैसकॉम के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MOU) पर हस्ताक्षर किए, जो बिहार आईटी नीति 2024 के तहत किया गया है। इस समझौते का लक्ष्य बिहार को आईटी सेक्टर का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है, जिससे राज्य के युवाओं को आईटी क्षेत्र में...
पटना: सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने नैसकॉम के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता (MOU) पर हस्ताक्षर किए, जो बिहार आईटी नीति 2024 के तहत किया गया है। इस समझौते का लक्ष्य बिहार को आईटी सेक्टर का मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है, जिससे राज्य के युवाओं को आईटी क्षेत्र में रोजगार के अवसर मिल सकें।
नैसकॉम 3000 से अधिक आईटी कंपनियां शामिल हैं
ज्ञात हो कि नैसकॉम, जो भारत में आईटी क्षेत्र की एक प्रमुख व्यवसायिक संगठन है, इस समझौते के माध्यम से बिहार में आईटी सेक्टर के विकास में सहयोग करेगा। इस संगठन में 3000 से अधिक आईटी कंपनियां शामिल हैं, जो बिहार को भारत में आईटी निवेश और रोजगार सृजन के पसंदीदा केंद्र के रूप में विकसित करने का प्रयास करेंगी।
"सरकार आईटी कंपनियों के वर्क प्लेस के 50% व्यय को करेगी वहन"
बिहार सरकार के मंत्री संतोष सुमन ने बताया कि आईटी कंपनियों को 5 वर्षों तक विभिन्न प्रकार के सहयोग प्रदान किया जाएगा। आईटी पॉलिसी के तहत, सरकार आईटी कंपनियों के वर्क प्लेस के 50% व्यय को वहन करेगी। इसके अलावा, बिजली के उपयोग के बिल का 25% भी सरकार द्वारा दिया जाएगा। इसके साथ ही, आईटी कंपनियों में कार्यरत कर्मचारियों के पीएफ में 50,000 तक की राशि भी सरकार द्वारा दी जाएगी।
बता दें कि यह समझौता बिहार के युवाओं के लिए आईटी क्षेत्र में नए अवसरों के द्वार खोलेगा और राज्य की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने में मदद करेगा।