Edited By Ramanjot, Updated: 18 Aug, 2024 11:24 AM
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शनिवार को जांच एजेंसी की दलीलें सुनने के बाद अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी का आरोपपत्र) पर आदेश सुरक्षित रख लिया। ईडी ने अदालत को बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पूरक आरोप पत्र छह अगस्त...
नई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत 24 अगस्त को इस बारे में आदेश सुना सकती है कि जमीन के बदले नौकरी घोटाले के कथित मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव तथा आठ अन्य के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दाखिल पूरक आरोपपत्र का संज्ञान लिया जाए या नहीं।
छह अगस्त को दाखिल किया गया था पूरक आरोप पत्र
विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने शनिवार को जांच एजेंसी की दलीलें सुनने के बाद अभियोजन पक्ष की शिकायत (ईडी का आरोपपत्र) पर आदेश सुरक्षित रख लिया। ईडी ने अदालत को बताया कि आरोपियों के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए पर्याप्त सबूत हैं। पूरक आरोप पत्र छह अगस्त को अदालत के समक्ष दाखिल किया गया था। ईडी ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के आधार पर अपने मामले दायर किए।
ईडी ने कहा कि यह मामला मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से संबंधित है। यह नियुक्ति लालू प्रसाद के 2004 से 2009 के बीच रेल मंत्री रहने के दौरान की गई थी। इन नियुक्तियों के बदले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) सुप्रीमो के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भूखंड उपहार में दिए गए या हस्तांतरित किए गए।