Edited By Ramanjot, Updated: 14 Apr, 2025 08:17 AM

:बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आता दिख रहा है। NDA के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने seat sharing को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है।
पटना:बिहार की राजनीति में एक बार फिर भूचाल आता दिख रहा है। NDA के सहयोगी दल हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के संरक्षक और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने seat sharing को लेकर अपनी गहरी नाराजगी जाहिर की है। मांझी के इस सियासी ऐलान से जहां NDA में खलबली मच गई है, वहीं "हम सेना" के गठन की बात करके उन्होंने सियासी पारा और चढ़ा दिया है।
"हम" को सिर्फ एक सीट? मांझी बोले – किया गया वादा नहीं निभाया गया
जीतन राम मांझी ने खुलासा किया कि गृह मंत्री Amit Shah से हुई बातचीत में दो लोकसभा और एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया गया था, लेकिन वास्तव में उन्हें सिर्फ एक लोकसभा सीट ही दी गई। मांझी ने इसे लेकर अपनी political dissatisfaction ज़ाहिर की और कहा कि जल्द ही एक नई रणनीति के तहत "हम सेना" का गठन किया जाएगा।
जनवरी से ही दिखा रहे थे नाराजगी के संकेत
जनवरी में जहानाबाद के गांधी मैदान में हुए मुसहर-भुईंया सम्मेलन में जीतन राम मांझी ने एनडीए की उपेक्षा पर तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने मंच से साफ कहा था कि उनकी पार्टी को कमजोर समझना NDA की सबसे बड़ी भूल होगी। बिहार में मुसहर और भुईंया समुदाय की बड़ी आबादी उनकी ताकत है, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
क्या मांझी का ये तेवर NDA के लिए खतरे की घंटी है?
एक ओर जहां एनडीए विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटा है, वहीं जीतन राम मांझी की इस तरह की बयानबाज़ी पार्टी के अंदर असंतोष की बानगी पेश कर रही है। सवाल ये है कि क्या “हम सेना” के गठन की बात सिर्फ दबाव बनाने की रणनीति है या वाकई कोई बड़ा सियासी मोड़ आने वाला है?