"जाति आधारित सर्वे का रिलीज किया जाना स्वागतयोग्य"...भाकपा-माले बोली- देश में भी जातीय गणना कराने की जरूरत

Edited By Swati Sharma, Updated: 03 Oct, 2023 05:20 PM

release of caste based survey welcome

भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना आधारित सर्वे का रिलीज किया जाना स्वागत योग्य कदम है। इससे न केवल विभिन्न जातियों की सही-सही संख्या का पता चला हैं, बल्कि उनकी आर्थिक स्थितियों की भी जानकारी प्राप्त हुई है।

पटनाः भाकपा-माले के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि बिहार में जातीय जनगणना आधारित सर्वे का रिलीज किया जाना स्वागत योग्य कदम है। इससे न केवल विभिन्न जातियों की सही-सही संख्या का पता चला हैं, बल्कि उनकी आर्थिक स्थितियों की भी जानकारी प्राप्त हुई है।

'देश स्तर पर जाति आधारित गणना कराने की जरूरत'
सचिव कुणाल ने कहा कि 1931 के बाद किसी राज्य ने पहली बार जाति आधारित गणना करवाया गया है। बिहार ने जो कदम उठाया है हमें उम्मीद है कि देश के दूसरे राज्य भी इस पर सकारात्क तरीके से आगे बढेंगे। ये आंकड़े सामाजिक-आर्थिक रूप से वंचित, उपेक्षित तबकों और गरीबों के समुचित विकास हेतु समग्र नीतियां बनाने और उनकी आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व प्रदान करने में सहायक सिद्ध होंगी। हमारी उम्मीद है कि बिहार सरकार इस मामले में त्वरित कदम बढ़ाएगी।

भाकपा-माले ने की ये मांग
भाकपा-माले के राज्य सचिव ने यह भी कहा कि बिहार विधान मंडल में सर्वसम्मति से जाति गणना कराने का फैसला लिया गया था। लेकिन इसे रोकने के लिए भाजपा ने प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष तरीके से एड़ी-चोटी का परिश्रम किया, बार-बार कानूनी अड़चनें खड़ी की गईं, लेकिन उसकी साजिश कामयाब नहीं हो पाई और आज सर्वे की रिपोर्ट हम सबके सामने है। हमारी मांग है कि केंद्र सरकार इसी तरह की गणना अविलंब करवाए, ताकि देश के स्तर पर उत्पीड़ित समुदाय की सामाजिक व आर्थिक स्थितियों का सही-सही पता लगाया जा सके। उन्होंने सर्वे के काम में लगे सभी कर्मियों का धन्यवाद किया, जिनकी मेहनत से यह काम पूरा हो सका है।

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