Edited By Swati Sharma, Updated: 03 Oct, 2023 10:30 AM
बिहार में दरभंगा राज स्वतंत्रता से पहले के भारत के सबसे संपन्न राज में से एक था जो अपने भव्य महलों, अमूल्य रत्नों और अपनी कारों के लिए प्रसिद्ध था लेकिन इसके अंतिम शासक की मृत्यु के बाद, इसकी चमक कम होती गई। इस पूर्ववर्ती जमींदारी राज से संबंधित मूल...
पटना: बिहार में दरभंगा राज स्वतंत्रता से पहले के भारत के सबसे संपन्न राज में से एक था जो अपने भव्य महलों, अमूल्य रत्नों और अपनी कारों के लिए प्रसिद्ध था लेकिन इसके अंतिम शासक की मृत्यु के बाद, इसकी चमक कम होती गई। इस पूर्ववर्ती जमींदारी राज से संबंधित मूल डायरी प्रविष्टियों और दुर्लभ दस्तावेजों के आधार पर एक नई किताब प्रकाशित हुई है, जिसमें इसके अंतिम महाराजा कामेश्वर सिंह के जीवन और विरासत पर प्रकाश डाला गया है।
वहीं, 1962 में महाराजा कामेश्वर सिंह के निधन के बाद उनकी संपत्ति के भारी नुकसान के पीछे के कारणों को खोजने का प्रयास किया गया है। दरभंगा राज परिवार के सदस्यों की कुछ दुर्लभ तस्वीरों वाली इस पुस्तक ‘‘द क्राइसिस ऑफ सक्सेशन, पैलेस इंट्रीग्यूस'' का विमोचन रविवार को पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में किया गया। पटना के स्वतंत्र शोधकर्ता और ‘‘द क्राइसिस ऑफ सक्सेशन, पैलेस इंट्रीग्यूज'' के लेखक तेजकर झा ने कहा, ‘‘इस पुस्तक के माध्यम से मैंने उनकी मृत्यु के बाद की परिस्थितियों को काफी हद तक समझने का प्रयास किया है। यह किताब दरभंगा राज की कुछ डायरियों से प्राप्त जानकारी पर आधारित है।''
तेजकर झा ने कहा कि यह पुस्तक जिसमें कई डायरियों के कुछ अंशों को पुनः प्रस्तुत किया गया है, यह भी ‘‘यह बताने का प्रयास'' करती है कि एक समय के महान दरभंगा राज ने उत्तराधिकार से संबंधित घटनाओं को कैसे देखा। विमोचन कार्यक्रम में पटना और अलीगढ़ के कई विद्वान और शोधकर्ता शामिल हुए और इस अवसर पर एक संगोष्ठि भी आयोजित की गई।