Edited By Ramanjot, Updated: 15 Apr, 2022 09:46 AM
सुशील मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के निर्णय से इन सीटों पर भी अनुसूचित जाति जनजाति(एससी-एसटी) और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के कोटे से हर साल 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे सांसद-कलक्टर...
पटनाः बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने केंद्रीय विद्यालयों में सांसद तथा जिलाधिकारी कोटे से होने वाले लगभग 30 हजार दाखिले पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने मांग की कि इस कोटा को स्थायी रूप से समाप्त किया जाए।
सुशील मोदी ने गुरुवार को कहा कि कोटा स्थगित करने के शिक्षा मंत्रालय के निर्णय से इन सीटों पर भी अनुसूचित जाति जनजाति(एससी-एसटी) और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के कोटे से हर साल 15000 छात्रों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि वे सांसद-कलक्टर कोटे से दाखिला बंद करने की मांग करते रहे हैं। उन्होंने सदन में भी यह मामला उठाया था।
भाजपा सांसद ने कहा कि अब तक हर सांसद दस और विद्यालय प्रबंधक समिति अध्यक्ष के नाते हर कलक्टर अपने जिले के प्रत्येक केंद्रीय विद्यालय में न्यूनतम 17 छात्रों का नामांकन अपने कोटे से करा सकता था। सांसद कोटे से 7,500 और कलक्टर कोटे से 22,000 छात्रों के दाखिले होते रहे। उन्होंने कहा कि ऐसे नामांकन में न आरक्षण के नियमों का पालन होता है, न योग्यता को आधार बनाया जाता है।
मोदी ने कहा कि दाखिला को कोटा मुक्त करने से आरक्षण और योग्यता के आधार पर नामांकन के लिए एक झटके में 30 हजार सीटें बढ़ जाएंगी। उन्होंने कहा कि यह कोटा जनप्रतिनिधियों से लोगों की नाराजगी का कारण बन गया था। अपने कोटे से सांसद केवल दस दाखिला करा सकता था, जबकि लाभ चाहने वालों की संख्या सैंकड़ों में होती थी।