Edited By Nitika, Updated: 02 Jun, 2022 06:24 PM
वरिष्ठ भाजपा नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने राजद द्वारा जातीय गणना का क्रेडिट लेने पर बयान जारी कर कहा कि भाजपा कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही। बिहार विधानसभा और विधान परिषद में 2-2 बार सर्वसम्मत प्रस्ताव भाजपा की सहमति एवं...
पटनाः वरिष्ठ भाजपा नेता सह राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने राजद द्वारा जातीय गणना का क्रेडिट लेने पर बयान जारी कर कहा कि भाजपा कभी भी जातीय जनगणना के विरोध में नहीं रही। बिहार विधानसभा और विधान परिषद में 2-2 बार सर्वसम्मत प्रस्ताव भाजपा की सहमति एवं भाजपा जदयू की सरकार के कार्यकाल में ही पारित हुआ। राजद-कांग्रेस के कार्यकाल में कभी प्रस्ताव क्यों नहीं आया?
महाराष्ट्र और उड़ीसा विधानसभा से भी सर्व सम्मत प्रस्ताव पारित हुआ, जहां भाजपा महत्वपूर्ण दल था। यदि भाजपा विरोध में होती तो भाजपा कभी अपने वरिष्ठ मंत्री जनक राम एवं झारखंड में प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश को प्रधानमंत्री से मिलने वाले सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल नहीं करवाती।
सुमो ने कहा कि राजद तो 2004 से 2014 तक केंद्र सरकार में शामिल थी तो उसने 2011 की जनगणना में जाति का एक कॉलम क्यों नहीं जुड़वाया? भाजपा यदि विरोध में होती तो 2011 की सामाजिक आर्थिक जातिय जनगणना केंद्र के लिए कराना असंभव हो जाता। राजद अनावश्यक श्रेय लेने का प्रयास ना करें। इसका इतिहास तो रहा है कि पंचायत और नगर निकाय चुनाव में पिछड़ों को बिना आरक्षण दिए चुनाव करा दिया था।
विदित हो कि तेजस्वी यादव ने जातीय गणना कराए जाने को लेकर कहा कि जन दबाव और इसके पक्ष में रहे वैचारिक दलों के लंबे संघर्ष के बाद कल बैठक में आम सहमति से तय किया है कि अतिशीघ्र ही निश्चित समय सीमा के अंदर सभी धर्मों की जातियों के आधार पर गणना करवाने की मंज़ूरी दे दी जाएगी। 2011 के सामाजिक, आर्थिक व जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट भाजपा सरकार ने सार्वजनिक नहीं की। उसके बाद से धरना-प्रदर्शन इत्यादि के जरिए हमारा संघर्ष अनवरत जारी रहा।