Edited By Ramanjot, Updated: 04 Aug, 2023 12:55 PM

प्रवक्ता के मुताबिक, चारों आरोपी अन्य आरोपियों के साथ मिलकर “हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था करके हिंसक आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे और पीएफआई की विचारधारा एवं हिंसक उग्रवाद के एजेंडे का प्रचार-प्रसार कर रहे थे।” उन्होंने...
नई दिल्ली/पटना: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने बिहार में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की “गैरकानूनी और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों” से जुड़े एक मामले में प्रतिबंधित संगठन के चार गिरफ्तार कार्यकर्ताओं के खिलाफ एक पूरक आरोप पत्र दायर किया है। एनआईए के प्रवक्ता ने बताया कि पटना में एनआईए की विशेष अदालत में पूर्वी चंपारण जिले के रहने वाले मोहम्मद तनवीर, मोहम्मद आबिद, मोहम्मद बेलाल और मोहम्मद इरशाद आलम के खिलाफ पूरक आरोप पत्र दायर किया गया है।
प्रवक्ता के मुताबिक, चारों आरोपी अन्य आरोपियों के साथ मिलकर “हथियारों और गोला-बारूद की व्यवस्था करके हिंसक आपराधिक कृत्यों को अंजाम देने की योजना बना रहे थे और पीएफआई की विचारधारा एवं हिंसक उग्रवाद के एजेंडे का प्रचार-प्रसार कर रहे थे।” उन्होंने बताया कि चारों आरोपियों पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) और शस्त्र अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत बृहस्पतिवार को आरोप लगाए गए। प्रवक्ता के अनुसार, पीएफआई की गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने और इस मामले में शामिल पीएफआई सदस्यों/अभियुक्तों को विदेश से अवैध धन पहुंचाने के आरोप में अब तक कुल 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें ये चार आरोपी भी शामिल हैं, जिनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया गया है। जांच में पाया गया है कि आलम उस आपराधिक गिरोह का सदस्य है, जो आतंक फैलाने और सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ने के इरादे से एक विशेष समुदाय के युवाओं पर हमला करने और उनकी हत्या करने से संबंधित आपराधिक साजिश में शामिल था।
प्रवक्ता ने कहा, “तनवीर और आबिद के पास घृणा अपराध को अंजाम देने के लिए पहले से ही आतंकी साजोसामान मौजूद था और उन्होंने इसे गिरफ्तार आरोपियों में से एक याकूब खान को सौंपा था, जो हथियारों का प्रशिक्षण देने और रणनीति बनाने के मामले में पीएफआई का ‘मास्टर ट्रेनर' है और जिसने प्रतिबंधित संगठन की हिंसक एवं गैरकानूनी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई हथियार प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए हैं।” शुरुआत में यह मामला पिछले साल 12 जुलाई को 26 लोगों के खिलाफ पटना के फुलवारीशरीफ पुलिस थाने में दर्ज किया गया था। दस दिन बाद एनआईए ने इसकी जांच अपने हाथ में ले ली। इस साल सात जनवरी को एनआईए ने मामले के चार आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। मामले की जांच जारी है।