Edited By Swati Sharma, Updated: 06 Apr, 2023 01:43 PM

वहीं दूसरे चरण की गणना की सबसे खास बात ये है कि अगर गणना कर्मी को किसी के घर में लॉक दिखाई देता है तो कर्मी पड़ोसी से नंबर लेकर मालिक को वीडियो कॉल करके सारी जानकारी इकट्ठा करेंगे। हर जाति का एक अलग कोड अंकों के रूप में होगा।
पटनाः बिहार में जातीय जनगणना के दूसरे चरण की 15 अप्रैल से शुरुआत होगी। इसके पहले प्रथम चरण का समापन हो चुका है। पहले चरण में मकानों को नंबर देने का काम किया गया था। वहीं दूसरे चरण में जातीय जनगणना के लिए कोड निर्धारित की गई है, जिसके लिए जातियों की सूची और उसकी श्रेणी तैयार कर ली गई है।
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हर जाति का कोड एक अलग अंकों के रूप में होगा
वहीं दूसरे चरण की गणना की सबसे खास बात ये है कि अगर गणना कर्मी को किसी के घर में लॉक दिखाई देता है तो कर्मी पड़ोसी से नंबर लेकर मालिक को वीडियो कॉल करके सारी जानकारी इकट्ठा करेंगे। हर जाति का एक अलग कोड अंकों के रूप में होगा। इन अंकों से पता चल जाएगा की किसकी कौन सी जाति। इस कोड का उपयोग भविष्य की योजनाएं तैयार करने, आवेदन व अन्य रिपोर्ट में किया जा सकेगा। जाति आधारित गणना के प्रपत्र के अलावा पोर्टल और एप पर जातियों के नाम के साथ यह विशेष अंक रहेगा। जाति पूछकर गणना कर्मी अंक अंकित करेंगे।
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216 जातियों की आबादी की होगी गिनती
दरअसल 15 अप्रैल से जातीय जनगणना के दूसरे चरण की शुरुआत होने वाली है। इसके पहले चरण में मकानों को नंबर देने का काम किया गया था। 15 अप्रैल से होने वाली दूसरे चरण की गणना में कुल 216 जातियों की आबादी की गिनती होगी। एक व्यक्ति की गणना एक ही स्थान से होगी। यदि कोई दोहराव होगा तो एप या पोर्टल के जरिये ये बात पकड़ में आ जाएगी। बता दें कि सवर्ण जातियों के कोड इस प्रकार से होगें। कायस्थ का कोड 22, ब्राह्मणों का कोड 128, राजपूत का कोड 171 तो भूमिहार के लिए 144 है। कुर्मी जाति का कोड 25, कुशवाहा कोइरी का कोड 27 और यादव के लिए कोड संख्या 167 है।