Edited By Ramanjot, Updated: 01 May, 2025 01:23 PM

सुमन ने बुधवार को कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय स्वागतयोग्य ऐतिहासिक एवं साहसिक फैसला है। उन्होंने कहा कि 94 वर्षों के बाद मूल जनगणना के साथ पूरे देश में होने वाले जातीय जनगणना से देश के आदिवासियों, पिछड़े एवं अतिपिछड़े समाज को सर्वाधिक लाभ...
Bihar News: हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और बिहार के लघु जल संसाधन मंत्री संतोष सुमन (Santosh Suman) ने कहा कि जातीय जनगणना (Caste Census) कराने का निर्णय कर मोदी सरकार (Modi Government) ने विपक्ष की राजनीति की धार कुंद कर दिया है।
"विकास की गति और तेज होगी"
सुमन ने बुधवार को कहा कि जातीय जनगणना कराने का निर्णय स्वागतयोग्य ऐतिहासिक एवं साहसिक फैसला है। उन्होंने कहा कि 94 वर्षों के बाद मूल जनगणना के साथ पूरे देश में होने वाले जातीय जनगणना से देश के आदिवासियों, पिछड़े एवं अतिपिछड़े समाज को सर्वाधिक लाभ मिलेगा। उनकी वास्तविक संख्या सामने आने से उनके विकास की गति और तेज होगी। उन्हें समुचित रूप से आर्थिक, सामाजिक एवं राजनीतिक हिस्सेदारी भी मिल पाएगी।
मंत्री ने कहा कि कांग्रेस सहित इंडी गठबंधन की पार्टियां जाति की राजनीति कर उन्हें वोट के लिए विभाजित तो करती रही, लेकिन कभी उनके कल्याण एवं वास्तविक विकास की बात नहीं की। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) और समाजवादी पार्टी (SP) जैसे दलों की पूरी राजनीति ही जाति पर केंद्रित रही, लेकिन उनके शासनकाल में समाज की कमजोर एवं निचली जातियां ही सबसे ज्यादा पीड़ित-प्रताड़ित हुई।
"राजग सरकार का मूलमंत्र ही सबका साथ, सबका विकास"
सुमन ने कहा कि वर्ष 1931 के बाद पूरे देश के स्तर पर होने वाला जातीय गणना का सारा श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की सरकार को जाता है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार का मूलमंत्र ही सबका साथ, सबका विकास है। जातियों को राजनीतिक हथियार बनाने वाली कांग्रेस आजादी के बाद से लेकर अपने छह दशकों के शासनकाल में कभी भी जातीय जनगणना कराने की हिम्मत नहीं दिखा पाई।