Edited By Ramanjot, Updated: 02 Aug, 2020 12:06 PM
बिहार में बाढ़ से शनिवार को दो और लोगों की मौत होने के साथ राज्य में इस आपदा से जान गंवाने वालों की संख्या 13 हो गई है। वहीं, उत्तरी बिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर गया है। अबतक राज्य के करीब 50 लाख लोग...
पटनाः बिहार में बाढ़ से शनिवार को दो और लोगों की मौत होने के साथ राज्य में इस आपदा से जान गंवाने वालों की संख्या 13 हो गई है। वहीं, उत्तरी बिहार में खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदियों का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर गया है। अबतक राज्य के करीब 50 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं।
राज्य आपदा प्रबंधन के अनुसार, दो और लोगों की मौत मुजफ्फरपुर जिले में दर्ज की गई। इससे पहले दरभंगा और पश्चिमी चंपारण में क्रमश: सात और चार लोगों की मौत बाढ़ की वजह से हुई थी। राज्य के 14 जिलों में बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 49.05 लाख हो गई है जबकि शुक्रवार को यह संख्या 45.39 लाख थी। बाढ़ प्रभावित पंचायतों की संख्या भी शुक्रवार के 1,012 के मुकाबले शनिवार को बढ़कर 1,043 हो गई।
विभाग के मुताबिक राज्य में मानसून शुरू होने के बाद से औसतन 768.5 मिलीमीटर बारिश हुई है जो सामान्य से 46 प्रतिशत अधिक है। इसकी वजह से राज्य में बहने वाली अधिकतर नदियों का जलस्तर बढ़ गया है, खासतौर पर उन नदियों में जिनका उद्गम स्थल नेपाल है जो भारी मात्रा में गाद लाने के लिए जानी जाती हैं।
बाढ़ प्रभावित एक चौथाई लोग तीन जिलों पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सारण जिले में गंडक नदी बेसिन में रहते हैं। यह नदी पश्चिमी चंपारण में नेपाल से बिहार में प्रवेश करती है। अन्य नदियां जो खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, वे हैं कोसी, बूढ़ी गंडकर, कमला, बागमती और अधवारा। पूर्वी चंपारण, गोपालगंज और सारण के अलावा खगड़िया, किशनगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, शिवहर, सिवान और समस्तीपुर भी बाढ़ का सामना कर रहे हैं।