दरभंगा नगर निगम के महापौर अंजुम आरा ने कहा- जल संकट का विकल्प है जल संरक्षण

Edited By Swati Sharma, Updated: 22 Mar, 2023 11:23 AM

water conservation is the alternative to water crisis mayor

महापौर अंजुम आरा ने विश्व जल दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय (एमएलएसएम कॉलेज) एवं डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जल संरक्षण, जीवन संरक्षण विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा...

दरभंगाः बिहार में दरभंगा नगर निगम के महापौर अंजुम आरा ने कहा है कि जल संकट वर्तमान दौर की ज्वलंत समस्या बन चुकी हैं और इसे दूर करने का एकमात्र विकल्प जल संरक्षण है।  

जल संकट की दिशा में हर किसी को सोचना होगा: महापौर 
महापौर अंजुम आरा ने विश्व जल दिवस की पूर्व संध्या पर स्थानीय महाराजा लक्ष्मीश्वर सिंह मेमोरियल महाविद्यालय (एमएलएसएम कॉलेज) एवं डॉ प्रभात दास फाउण्डेशन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित जल संरक्षण, जीवन संरक्षण विषयक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा की जल संकट की दिशा में हर किसी को सोचना होगा। विशेषकर महिलाएं अगर पहल करती हैं तो पानी की व्यापक बचत हो सकती हैं। किचन, बाथरूम और घरेलू सफाई पर होनेवाले पानी का संरक्षण सबसे जरूरी हैं क्योंकि इसमें स्वच्छ जल की बर्बादी होती हैं। मुख्य वक्ता पर्यावरण विशेषज्ञ और डॉ0 विद्यानाथ झा ने कहा कि जल हर सजीव के लिए जरूरी है और यही कारण है कि इसके संरक्षण की बातें वेद-पुराणों में भी हुई है। मिथिला में तो कई पर्व जल संरक्षण से जुड़े हुए है। फिर भी जल की व्यर्थ बर्बादी जारी हैं।

"लोग अपने स्वार्थ के लिए भूगर्भीय जल को भी कर रहे दूषित" 
डॉ0 विद्यानाथ झा ने कहा कि लोग अपने स्वार्थ के लिए भूगर्भीय जल को भी दूषित कर रहे हैं। वर्तमान समय में जल संरक्षण के लिए परंपरागत तरीकों के साथ ही आधुनिक पद्धति का भी उपयोग करना होगा। वर्षा जल को संरक्षित करना सबसे बेहतर उपाय है पर इसके लिए हर व्यक्ति को जागरूकता से कार्य करने की जरूरत है। प्रो0 डॉ कालीदास झा ने जल संकट के विश्वस्तरीय आंकड़ों को पेशकर बताया कि जल संरक्षण नहीं किया जाता है तो मानवीय भविष्य खतरे में है। आधुनिक दौर में करीब 2 करोड़ से अधिक लोगों को पानी के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही हैं। 

जल ही जीवन हैः डॉ0 अनिल चौधरी
डॉ0 अनिल चौधरी ने कहा कि जल ही जीवन है के सूत्र वाक्य से हर कोई परिचय है पर लोग पानी का मूल्य नहीं समझ रहे हैं। कभी दरभंगा को टूरिस्ट पैलेस के तौर पर ख्याति थी और लोग यहां प्रवास करने के लिए आते थे। उस दौर में यहां बेहतरीन जल प्रबंधन था पर आधुनिक दौर में सब समाप्त हो गया है। जिसके कारण शहर में जल संकट की स्थिति उत्पन्न हो रही हैं।  कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्रधानाचार्य डॉ0 शंभू यादव ने कहा कि पानी का उपयोग करने से पहले यह सोचना होगा है कि जल नहीं तो कल नहीं। तभी जल संरक्षण का अभियान जोर पकड़ सकता है और उसका प्रतिफल भी दिखाई देगा। 

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