झारखंड सरकार बैद्यनाथ और बासुकीनाथ मंदिर को फिर से खोलने पर करे विचार: HC

Edited By Diksha kanojia, Updated: 01 Aug, 2020 03:51 PM

high court said to jharkhand government

उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को झारखंड सरकार से कहा कि देवघर स्थित ऐतिहासिक बाबा बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग मंदिर और बासुकीनाथ मंदिर को फिर से खोलने पर विचार करे। कोविड-19 महामारी के कारण इन मंदिरों में श्रृद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।

 

देवघरः उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को झारखंड सरकार से कहा कि देवघर स्थित ऐतिहासिक बाबा बैद्यनाथ ज्योर्तिलिंग मंदिर और बासुकीनाथ मंदिर को फिर से खोलने पर विचार करे। कोविड-19 महामारी के कारण इन मंदिरों में श्रृद्धालुओं का प्रवेश प्रतिबंधित कर दिया गया था।

शीर्ष अदालत ने कहा कि अराधना के लिए वर्चुअल ‘दर्शन' वास्तविक दर्शन जैसा नहीं है और श्रृद्धालुओं को सीमित संख्या में अनुमति दी जा सकती है। शीर्ष अदालत की राय थी कि चूंकि अब देश में सारी चीजें फिर से खुल रही हैं, इसलिए कम से कम महत्वपूर्ण अवसरों पर मंदिर, मस्जिद, गिरिजाघर और दूसरे धार्मिक स्थलों को भी खोला जाना चाहिए। न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की याचिका पर इन ऐतिहासिक मंदिरों को फिर से खोलने और वर्चुअल दर्शन की बजाय देवघर में श्रावणी मेला आयोजित करने की अनुमति देने से इंकार करने के झारखंड उच्च न्यायालय के तीन जुलाई के आदेश में हस्तक्षेप करने से इंकार कर दिया।

पीठ ने इस संबंध में दायर याचिका का निस्तारण करते हुए झारखंड उच्च न्यायालय से कहा कि जब देश में चीजें खुलनी शुरू हो गई हैं तो उसे मंदिरों को खोलने पर विचार करना चाहिए। दुबे के वकील का कहना था कि प्रशासन मंदिर में तीस हजार पंडों को अनुमति दे रहा है लेकिन श्रृद्धालु अंदर नहीं जा सकते। पीठ ने इस पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए झारखंड सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद से सवाल किया कि इस तरह से श्रद्धालुओं को अलग रखने की अनुमति कैसे दी जा सकती है। खुर्शीद और अधिवक्ता तापेश कुमार सिंह ने तीस हजार के आंकड़े को गलत बताया और कहा कि मुश्किल से एक दर्जन पुजारी और स्थानीय लोग थे जिन्होंने इस साल पारंपरिक तरीके से आराधना की।

खुर्शीद ने कहा कि राज्य सरकार ने कोविड-19 के मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर ऐहातियाती कदम उठाते हुये सभी धार्मिक स्थलों को बंद रखने का फैसला किया है और वह जल्द ही पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है। खुर्शीद ने कहा, ‘‘दर्शन के लिए मंदिरों को खोलने का सवाल ही नहीं उठता क्योंकि कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं। श्रावणी मेले से दो दिन पहले इस आदेश को वापस लेने से अव्यवस्था बढ़ जाएगी, इसलिए श्रृद्धालुओं के लिए मंदिरों को खोलना संभव नहीं होगा।'' दुबे ने अपनी अपील में कहा था कि उच्च न्यायालय इस तथ्य की ठीक से सराहना करने में विफल रहा कि बाबा बैद्यनाथ मंदिर और बाबा बासुकीनाथ मंदिर में शिव भक्तों की आस्था अतुलनीय है और विभिन्न धार्मिक ग्रंथों में इसका प्रमुखता से वर्णन किया गया है।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!