Edited By Khushi, Updated: 01 Oct, 2024 02:50 PM
वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट रणधीर कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। रणधीर कुमार सिंह 90 हजार आठ सौ 95 वोट वोट लाकर जीत हासिल किया था। वहीं जेवीएम कैंडिडेट उदय शंकर सिंह ने 62 हजार एक सौ 75 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे
सारठ: सारठ विधानसभा सीट देवघर ज़िले और दुमका लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है। झारखंड राज्य के अस्तित्व में आने के बाद अगर बात करें विधानसभा चुनाव के बारे में तो साल 2005 में इस सीट पर राजद के उदय शंकर सिंह विधायक चुने गए जबकि 2009 में यह सीट जेएमएम के खाते में गई और शशांक शेखर भोक्ता विधायक चुने गए।
वहीं 2014 के चुनाव में यहां से जेवीएम के टिकट पर रणधीर कुमार सिंह विधायक बने।
हालांकि विधायक बनने के बाद रणधीर कुमार सिंह बीजेपी में शामिल हो गए गए थे। 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट रणधीर कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी।
एक नजर 2019 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं 2019 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी कैंडिडेट रणधीर कुमार सिंह ने जीत हासिल की थी। रणधीर कुमार सिंह 90 हजार आठ सौ 95 वोट वोट लाकर जीत हासिल किया था। वहीं जेवीएम कैंडिडेट उदय शंकर सिंह ने 62 हजार एक सौ 75 वोट लाकर दूसरे स्थान पर रहे थे तो जेएमएम कैंडिडेट परिमल कुमार सिंह 25 हजार चार सौ 82 वोट लाकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
एक नजर 2014 विधानसभा चुनाव के नतीजों पर
वहीं साल 2014 के विधानसभा चुनाव परिणाम पर नजर डालें तो इस सीट पर जेवीएम के रणधीर कुमार सिंह ने बीजेपी के उदय शंकर सिंह को 13 हजार नौ सौ एक वोटों से हराकर जीत का परचम लहराया था। रणधीर कुमार सिंह को कुल 62 हजार सात सौ 17 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे बीजेपी के उदय शंकर सिंह को कुल 48 हजार आठ सौ 16 वोट मिले थे तो वहीं तीसरे स्थान पर रहे जेएमएम के शशांक शेखर भोक्ता को कुल 43 हजार 13 वोट मिले थे।
विधानसभा चुनाव 2009 के नतीजे
वहीं 2009 के विधानसभा चुनाव परिणामों पर नजर डालें तो इस सीट पर जेएमएम के शशांक शेखर भोक्ता ने कांग्रेस के उदय शंकर सिंह को 9 हजार चार सौ 20 वोटों से हराकर जीत हासिल की थी। शशांक शेखर भोक्ता को कुल 40 हजार दो सौ 82 वोट मिले थे जबकि दूसरे नंबर पर रहे कांग्रेस के उदय शंकर सिंह को कुल 30 हजार आठ सौ 62 वोट मिले थे। वहीं तीसरे स्थान पर रहे एलटीएसडी के रणधीर कुमार सिंह को 21 हजार सात सौ 21 वोटों से संतोष करना पड़ा था।
झारखंड बनने के बाद इस सीट पर हुए विधानसभा चुनाव परिणामों का विश्लेषण करें तो इस सीट पर किसी एक पार्टी का कब्जा कभी नहीं रहा है, लेकिन इस बार आजसू और बीजेपी के साथ आने से इस विधानसभा सीट पर एनडीए का दावा मजबूत लग रहा है।