Edited By Diksha kanojia, Updated: 02 Aug, 2022 12:24 PM
उनके बीच जो भ्रामक तथ्य प्रचलित हैं, उसे खत्म करना है। 1 अगस्त से 7 अगस्त तक चलने वाले इस विश्व स्तनपान दिवस को केवल 1 सप्ताह के लिए नहीं, अपितु साल के 365 दिन तक करना है। गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को इसके महत्व के बारे में बताना है।
रांचीः झारखंड की महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि हम सभी को ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं को जागरूक करने का काम करना है। उनके बीच जो भ्रामक तथ्य प्रचलित हैं, उसे खत्म करना है। 1 अगस्त से 7 अगस्त तक चलने वाले इस विश्व स्तनपान दिवस को केवल 1 सप्ताह के लिए नहीं, अपितु साल के 365 दिन तक करना है।
गर्भवती महिलाओं एवं धात्री महिलाओं को इसके महत्व के बारे में बताना है। वे आज डोरंडा के पलाश सभागार में 'विश्व स्तनपान सप्ताह' के शुभारंभ पर राज्यस्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहीं थीं। इस अवसर पर मंत्री ने 7 बच्चों को अन्नप्रासन कराया एवं कर्यक्रम से संबंधित जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। मांझी ने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से हमें गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के बीच यह संदेश प्रसारित करना है कि जो महिलाएं बच्चे को जन्म देती हैं, उन्हें बच्चे के जन्म के 1 घंटे के अंदर ही माँ का पहला दूध पिलाया जाए। यह दूध बच्चे के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत उपयोगी है।
उन्होंने कहा कि समाज को जागरूक करना है कि मां, अपने बच्चे के पहले 6 महीने में अपने दूध के अलावा कोई आहार न दें, उसमें ही बच्चे के लिए जरूरी पोषक तत्व उपलब्ध रहते हैं। 6 महीने के बाद ऊपरी आहार सही मात्रा और सही पोषक तत्व के साथ देना आवश्यक है। साथ ही 2 साल तक स्तनपान के साथ पोषक आहार देना चाहिए जिससे बच्चे स्वस्थ रह सकें। विनय