Edited By Khushi, Updated: 22 Jul, 2024 06:18 PM

अफ्रीका के कैमरून में फंसे 27 मजदूर सावन की पहली सोमवारी पर सुरक्षित घर लौट आए हैं। वतन वापसी पर मजदूरों के साथ-साथ परिजनों में भी काफी उत्साह है। वापस लौटे मजदूरों ने वतन वापसी के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ मीडिया कर्मियों का आभार जताया है।
रांची: अफ्रीका के कैमरून में फंसे 27 मजदूर सावन की पहली सोमवारी पर सुरक्षित घर लौट आए हैं। वतन वापसी पर मजदूरों के साथ-साथ परिजनों में भी काफी उत्साह है।
वापस लौटे मजदूरों ने वतन वापसी के लिए राज्य सरकार के साथ-साथ मीडिया कर्मियों का आभार जताया है। सभी मजदूर अपने परिजनों से मिलकर काफी उत्साहित हैं। बीते रविवार देर रात सभी कामगार कैमरून से मुंबई पहुंचे और उसके बाद सोमवार को सभी अपने घर लौट आए। कामगारों के परिजनों ने भी राहत की सांस ली है। वहीं, वापस आए कामगारों में गिरिडीह जिला के सरिया थाना क्षेत्र के शुकर महतो, डुमरी थाना क्षेत्र के अंतर्गत अतकी के रमेश महतो, विजय कुमार महतो, दूधपनिया के दौलत कुमार महतो, हजारीबाग के बिसुन, जोबार के टेकलाल महतो, खरना के छत्रधारी महतो, भीखन महतो, चानो के चिंतामण महतो, बोकारो जिला के पेंक नारायणपुर थाना क्षेत्र के मोहन महतो, डेगलाल महतो, गोविंद महतो, चुरामन महतो, जगदीश महतो, मुरारी महतो, लखीराम, पुसन महतो, गोनियाटो के कमलेश कुमार महतो, महेश कुमार महतो, दामोदर महतो, मुकुंद कुमार नायक, नारायणपुर परमेश्वर महतो, धवैया के अनु महतो, धनेश्वर महतो, रालीबेडा के शीतल महतो और कुलदीप हंसदा शामिल हैं।
गौरतलब है कि सभी मजदूर वहां एक कंस्ट्रक्शन प्रोजेक्ट में 29 मार्च 2024 से काम कर रहे थे, लेकिन उनकी मजदूरी का भुगतान नहीं किया जा रहा था और उन्हें जबरन काम करने को मजबूर किया जा रहा था। सभी कामगार गिरिडीह, हजारीबाग और बोकारो के रहने वाले हैं। उन्होंने एक सप्ताह पहले वीडियो मैसेज जारी कर झारखंड और केंद्र की सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप की गुहार लगाई थी। इसके बाद झारखंड सरकार के श्रम, रोजगार, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के सचिव ने मामले को लेकर विदेश मंत्रालय को पत्र लिखा था। विदेश मंत्रालय ने हस्तक्षेप किया तो कंपनी की ओर से मजदूरों के साथ बैठक की गई और सभी कामगारों को बकाया मजदूरी का भुगतान कर दिया गया। सभी को वापस जाने की भी इजाजत दे दी गई।