हजारों की संख्या में जैन श्रद्धालुओं ने पारसनाथ पर्वत पहुंचकर की परिक्रमा, 23वें तीर्थंकर को अर्पित किया निर्वाण लाडू

Edited By Khushi, Updated: 11 Aug, 2024 05:25 PM

thousands of jain devotees reached parasnath mountain

जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस यानी मोक्ष सप्तमी पर देश के विभिन्न प्रांतों से मधुबन में आज यानी रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पारसनाथ पर्वत पर स्थित स्वर्णभद्र टोंक पर निर्वाण लाडू चढ़ाए।

गिरिडीह: जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ के मोक्ष कल्याणक दिवस पर देश के विभिन्न प्रांतों से मधुबन में आज यानी रविवार को हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने पारसनाथ पर्वत पर स्थित स्वर्णभद्र टोंक पर निर्वाण लाडू चढ़ाए।

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इस दौरान जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थली सम्मेद शिखरजी मधुबन रविवार को सुबह-सुबह जयकारे से गूंज उठा। इस अवसर पर देश-विदेश से लगभग 35 हज़ार से भी अधिक जैन श्रद्धालु भक्तों की उपस्थिति देखी गई जहां सभी ने इस पवित्र पर्वत का परिक्रमा कर इस पर्वत पर निर्माण प्राप्त करने वाले 23वे जैन तीर्थंकर को श्रद्धा पूर्वक निर्माण लाडू अर्पित किया एवं जैन धर्म एवं जैन धर्म लंबियों के लिए आशीर्वाद मांगा। इस अवसर पर देश के विभिन्न कोने से आए भक्त गेरुआ वस्त्र धारण कर सिर पर भगवान पार्श्वनाथ के अष्टधातु की मूर्ति लेकर जैन मुनियों के सानिध्य में पैदल चले और णमोकार मंत्र का उच्चारण करते हुए एवं जैन धर्म का पताका लिए पर्वत शिखर पर पहुंचे। इस अवसर पर भक्तों का संगम इस प्रकार देखा गया जैसे मानो पूरा पर्वत ही भक्तिमय हो गया हो। वहीं, मोक्ष सप्तमी के अवसर पर पारसनाथ पर्वत स्थित विभिन्न टोंक में स्थित मंदिरों को भव्य रूप से सजाया गया था एवं लाइट की सजावट से पूरा मंदिर जगमग जगमग कर रहा था। मधुबन के जैन कमेटी द्वारा जगह-जगह मेडिकल कैंप एवं पेयजल के भी व्यवस्था थी।

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बता दें कि भगवान पार्श्वनाथ 23वें तीर्थंकर थे इसलिए इन्हें 23 किलो का निर्माण लाडू चढ़ाया गया जिसका सौभाग्य पवन जी गोधा और पडोदि जी परिवार इंदौर को प्राप्त हुआ।

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