Edited By Swati Sharma, Updated: 18 Dec, 2024 06:50 PM
पटना और औरंगाबाद के तर्ज पर अब पूर्णिया, भागलपुर, दरभंगा, सारण एवं गया में कैमरे और अत्याधुनिक तकनीक से लैस ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट लिया जायेगा। इसके लिए पूर्व से बने टेस्टिंग ट्रैक का ऑटोमेशन होगा। यह कार्य परिवहन विभाग द्वारा मारुति सुजुकी इंडिया...
पटनाः पटना और औरंगाबाद के तर्ज पर अब पूर्णिया, भागलपुर, दरभंगा, सारण एवं गया में कैमरे और अत्याधुनिक तकनीक से लैस ट्रैक पर ड्राइविंग टेस्ट लिया जायेगा। इसके लिए पूर्व से बने टेस्टिंग ट्रैक का ऑटोमेशन होगा। यह कार्य परिवहन विभाग द्वारा मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सीएसआर फंड से कराया जायेगा। इन जिलों में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का ऑटोमेशन के लिए मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड एवं परिवहन विभाग के बीच मंगलवार को विश्वेश्वरैया भवन स्थित सभागार में मेमोरेंडम ऑफ एग्रीमेंट (एमओए) किया गया।
सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने में मिलेगी मदद
परिवहन विभाग मंत्री शीला कुमारी ने कहा कि भारत की अग्रणी वाहन निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी की सड़क सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता और उनके राष्ट्रव्यापी कार्यक्रमों की मैं सराहना करती हूं। ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के ऑटोमेशन किये जाने से न केवल सड़क पर कुशल और प्रशिक्षित ड्राइवरों को तैयार करने में सहायता मिलेगी, बल्कि दुर्घटनाओं में भी कमी आयेगी एवं सुरक्षित यातायात सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी। कैमरे की निगरानी में लिया जायेगा ड्राइविंग का टेस्ट परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने बताया कि लाइसेंस जारी करने से पूर्व कैमरे की निगरानी में अत्याधुनिक तकनीक के माध्यम से ड्राइविंग का टेस्ट लिया जायेगा। टेस्ट में पास होने के बाद आवेदकों का लाइसेंस निर्गत किया जायेगा। सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक के ऑटोमेशन का निर्णय लिया गया है। इस प्रक्रिया के तहत कंप्यूटर प्रणाली से बिना मानव हस्तक्षेप स्वचालित रुप से टेस्टिंग का कार्य पूर्ण किया जाएगा। इसके लिए 5 जिलों में मारुति सुजुकी द्वारा सीएसआर के तहत ट्रैक का ऑटोमेशन किया जाएगा। आने वाले दिनों में अन्य जिलों में भी अत्याधुनिक तकनीक आधारित ड्राइविंग टेस्टिंग लिया जाएगा।
ड्राइविंग कुशलता का होगा सही मूल्यांकन
परिवहन सचिव ने बताया कि अत्याधुनिक तकनीक आधारित ड्राइविंग टेस्टिंग किये जाने से ड्राइविंग क्षमता का सही मूल्यांकन हो सकेगा एवं सड़क दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी। इसके माध्यम से ड्राइविंग टेस्ट प्रक्रिया में मानवीय हस्तक्षेप कम होगा, जिससे निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित हो सकेगी। पूर्व से पटना एवं औरंगाबाद में अत्याधुनिक तकनीक से ली जा रही टेस्टिंग राज्य परिवहन आयुक्त नवीन कुमार ने बताया कि कुशल वाहन चालकों को ड्राइविंग लाइसेंस निर्गत किया जा सके इसके लिए पटना एवं औरंगाबाद में पूर्व से ही कैमरे और अत्याधुनिक तकनीक आधारित ड्राइविंग का टेस्ट लिया जा रहा है। इस हेतु पटना एवं औरंगाबाद में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक का कार्य मारुति सुजुकी द्वारा किया गया था। इसकी सफलता के बाद भागलपुर, दरभंगा, गया, पूर्णिया और सारण में ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक को ऑटोमेटेड करने का निर्णय लिया गया है।
केवल योग्य चालकों को ही मिल सकेगा लाइसेंस
राहुल भारती, एक्जीक्यूटिव ऑफिसर, कॉरपोरेट अफेयर्स मारुति सुजुकी, इंडिया लिमिटेड ने कहा कि हम बिहार सरकार का आभार व्यक्त करते हैं कि उन्होंने इस सड़क सुरक्षा परियोजना के लिए एक बार फिर से हम पर विश्वास जताया है। सड़क सुरक्षा का एक महत्वपूर्ण पहलू चालक का कौशल और ट्रैफिक नियमों का ज्ञान है। हाई डेफिनिशन कैमरे और इंटीग्रेटेड आईटी सिस्टम से लैस ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक एक व्यापक प्रभावी और पारदर्शी परीक्षण प्रक्रिया है जो यह सुनिश्चित करता है कि केवल योग्य चालकों को ही लाइसेंस दिया जाए। इस मौके पर मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सह सीएसआर हेड तरुण अग्रवाल, जेनरल मैनेजर, रोड सेफ्टी मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, कल्याण सुंदर, अपर सचिव परिवहन विभाग प्रवीण कुमार, संयुक्त सचिव कृत्यानंद रंजन आदि उपस्थित थे।