उत्तराखंड विधानसभा चुनावः BJP और कांग्रेस ने शुरू किए रूठों को मनाने के प्रयास

Edited By Nitika, Updated: 28 Jan, 2022 11:28 AM

bjp and congress started efforts to persuade the stereotypes

उत्तराखंड में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से उठ रहे बागी सुरों के बीच अपना खेल बिगड़ने की आशंका से डरी कांग्रेस और भाजपा, दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने रूठे नेताओं को मनाना शुरू कर दिया है।

 

देहरादूनः उत्तराखंड में 14 फरवरी को होने वाले विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने से उठ रहे बागी सुरों के बीच अपना खेल बिगड़ने की आशंका से डरी कांग्रेस और भाजपा, दोनों प्रमुख राजनीतिक पार्टियों ने अपने रूठे नेताओं को मनाना शुरू कर दिया है।

कांग्रेस महासचिव और उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की रामनगर सीट से उम्मीदवारी को नामांकन भरने से ऐन पहले बदलकर पार्टी ने बगावत थामने का प्रयास किया है। प्रदेश पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष रणजीत रावत के बागी तेवरों को देखते हुए कांग्रेस ने रावत को अब लालकुआं से प्रत्याशी बनाया है। हरीश रावत को टिकट देकर कांग्रेस ने लालकुआं में भी असंतुष्टों को मना लिया। पूर्व घोषित प्रत्याशी संध्या डालाकोटी के विरोध में कांग्रेस से इस्तीफे की धमकी दे रहे क्षेत्र के पूर्व विधायक और प्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री हरीश चंद्र दुर्गापाल ने कहा कि वह पार्टी के लिए काम करेंगे। दुर्गापाल ने कहा, 'मैं कांग्रेस का समर्पित कार्यकर्ता हूं और अब हम सब मिलकर हरीश रावत को विजयी बनाने के लिए काम करेंगे।'

हालांकि, हरीश रावत की सीट बदलकर रणजीत ​रावत को मनाने में सफल रही कांग्रेस ने उन्हें भी रामनगर से टिकट नहीं दिया और उन्हें उनकी पुरानी सीट सल्ट से ही चुनावी मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने असंतुष्ट नेताओं को मनाने के लिए दो अन्य सीटों पर भी उम्मीदवार बदल दिए, जिसमें डोइवाला से मोहित उनियाल की जगह गौरव चौधरी और ज्वालापुर से बरखा रानी की जगह रवि बहादुर शामिल हैं। बगावत पर उतारू नेताओं को मनाने के लिए भाजपा ने भी अपने प्रयास तेज कर दिए है। अपनी जगह कैलाश शर्मा को प्रत्याशी बनाए जाने से आक्रोशित अल्मोड़ा के मौजूदा भाजपा विधायक और राज्य विधानसभा में उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह चौहान के बगावती सुर भी पार्टी नेताओं से बातचीत के बाद नरम पड़े हैं। चौहान ने कहा कि पार्टी से इस्तीफा देने और निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर लड़ने की बात कहना उनका तात्कालिक गुबार था जो वरिष्ठ पार्टी पदाधिकारियों से बात करने के बाद समाप्त हो गया है। उन्होंने कहा, 'मैं पिछले 40 साल से भाजपा से जुडा हूं और चुनाव में उसी के लिए प्रचार करूंगा।'

उधर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पौड़ी से लोकसभा सांसद तीरथ सिंह रावत थराली की विधायक मुन्नी देवी शाह की नाराजगी समाप्त करने में सफल रहे और उन्होंने उन्हें पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी भोपालराम टम्टा के लिए प्रचार करने को मना लिया। इस संबंध में मुन्नी देवी ने कहा, 'नेताओं ने मुझे समझाया कि भविष्य में पार्टी में मेरे लिए कई मौके सामने आएंगे।' हालांकि, टिकट कटने से रूद्रपुर के भाजपा विधायक राजकुमार ठुकराल आक्रोशित हैं और उन्होंने बृहस्पतिवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। प्रदेश पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक को लिखे पत्र में ठुकराल ने लिखा कि टिकट न मिलने से दुखी होकर उन्होंने यह निर्णय किया है। झबरेडा से टिकट पाने में नाकामयाब रहे विधायक देशराज कर्णवाल भी नाराज बताए जा रहे हैं। इस संबंध में, प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष डा. देवेंद्र भसीन ने कहा कि पार्टी में टिकट को लेकर कोई खास नाराजगी नहीं है और सब पार्टी की बड़ी जीत के लिए प्रयास कर रहे हैं। हालांकि, उन्होंने कहा कि अगर कोई छोटी-मोटी नाराजगी है तो पार्टी उसे दूर करने का प्रयास कर रही है और एकाध दिन में सब कुछ शांत हो जाएगा।

उधर, देहरादून कैंट सहित कुछ सीटों पर भी टिकट के दावेदारों की कांग्रेस से नाराजगी की खबरें आ रही हैं। इस बाबत, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष सुरेंद्र कुमार ने कहा कि टिकट न मिलने पर दावेदारों में नाराजगी एक सीमा तक जायज है लेकिन पार्टी रूठे नेताओं को मनाने के प्रयास कर रही है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नामांकन पत्र वापस लेने की ​तिथि तक सब ठीक हो जाएगा और पार्टी के सभी समर्पित कार्यकर्ता अधिकृत प्रत्याशी के साथ खड़े होंगे।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!