Kanti Assembly Seat: कांटी विधानसभा सीट के पिछले नतीजे II Bihar Election 2020

Edited By Diksha kanojia, Updated: 19 Oct, 2020 05:21 PM

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बिहार का कांटी विधानसभा सीट वैशाली लोकसभा के तहत आता है। 1951 में ही कांटी सीट अस्तित्व में आया था। 1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव में कांग्रेसी कैंडिडेट यमुना प्रसाद त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी।

वैशालीः बिहार का कांटी विधानसभा सीट (Kanti Assembly Seat) वैशाली लोकसभा के तहत आता है। 1951 में ही कांटी सीट अस्तित्व में आया था। 1951 में इस सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में कांग्रेसी (Congress) कैंडिडेट यमुना प्रसाद त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी।

वहीं 1957 और 1962 में हुए चुनाव में कांटी सीट से लगातार दो बार यमुना प्रसाद त्रिपाठी ने जीत हासिल की थी। 1967 में कांटी में हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में कांग्रेसी (Congress) कैंडिडेट एम पी सिन्हा ने विरोधियों को मात देने में कामयाबी हासिल की थी। 1969 में कांटी सीट से एलटीसी (LTC) की टिकट पर हरिहर प्रसाद शाही ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1972 के कांग्रेसी (Congress) कैंडिडेट शंभु शरण ठाकुर ने कांटी में हुए विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में जीत का परचम लहराया था। 1977 में जेएनपी (JNP) की टिकट पर यहां से ठाकुर प्रसाद सिंह ने विरोधियों को बुरी तरह हरा दिया था।

1980 और 1985 में एसयूसी (SUC) के कैंडिडेट नलिनी रंजन सिंह ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था। 1990 में जनता दल (Janta Dal) की टिकट पर नलिनी रंजन सिंह ने एक बार फिर जनता का भरोसा जीत लिया था। वहीं 1995 में मुफ्ती मोहम्मद कासिम ने जनता दल (Janta Dal) की टिकट पर कांटी में विरोधियों को शिकस्त दे दी थी। 2000 के चुनाव में कांटी से गुलाम जिलानी वारसी ने आरजेडी (RJD) की टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 2005 और 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में कांटी सीट से अजित कुमार ने जीत हासिल की थी। वहीं 2015 में निर्दलीय कैंडिडेट अशोक कुमार चौधरी ने कांटी सीट से जनता का समर्थन हासिल करने में कामयाबी हासिल कर ली थी।

विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में कांटी सीट से निर्दलीय कैंडिडेट अशोक कुमार चौधरी ने जीत हासिल की थी। अशोक कुमार चौधरी ने चुनाव में 58 हजार 111 वोट हासिल किया था। वहीं हम कैंडिडेट अजित कुमार को 48 हजार 836 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से अशोक कुमार चौधरी ने अजित कुमार को 9 हजार 275 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं आरजेडी (RJD) कैंडिडेट मोहम्मद परवेज आलम, 47 हजार 50 वोट तीसरे स्थान पर रहे थे।
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विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में कांटी सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर अजित कुमार ने जीत हासिल की थी। अजित कुमार ने चुनाव में 39 हजार 648 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी (RJD) कैंडिडेट मोहम्मद इजरायल ने 31 हजार 233 वोट हासिल किया था। इस तरह से अजित कुमार ने मोहम्मद इजरायल को 8 हजार 415 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं निर्दलीय कैंडिडेट अशोक कुमार चौधरी, 29 हजार 768 वोट लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
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विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में कांटी सीट से जेडीयू (JDU) की टिकट पर अजित कुमार ने जीत हासिल की थी। अजित कुमार ने चुनाव में 38 हजार 294 वोट हासिल किया था। वहीं आरजेडी (RJD) कैंडिडेट हैदर आजाद को 28 हजार 91 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से अजित कुमार ने हैदर आजाद को 10 हजार 203 वोट से हरा दिया था। वहीं एसपी (SP) कैंडिडेट मोहम्मद जमाल, 16 हजार 630 वोट हासिल कर तीसरे स्थान पर रहे थे।
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2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhan sabha chunav) में यहां महागठबंधन और एनडीए (NDA) के बीच कड़ा मुकाबला होगा। अब चुनावी नतीजे ही बताएंगे कि इस बार के चुनाव में कौन किस पर भारी पड़ेगा।

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