Edited By Swati Sharma, Updated: 23 Sep, 2024 05:27 PM
जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर से पहले समाज के अलग-अलग वर्गों के साथ बैठकर विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कर रहे हैं। इसी कड़ी में जन सुराज ने पटना स्थित ज्ञान भवन में बिहार के शिक्षाविदों के साथ 'शिक्षा संवाद' आयोजित किया।...
पटना: जन सुराज अभियान के सूत्रधार प्रशांत किशोर 2 अक्टूबर से पहले समाज के अलग-अलग वर्गों के साथ बैठकर विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श कर रहे हैं। इसी कड़ी में जन सुराज ने पटना स्थित ज्ञान भवन में बिहार के शिक्षाविदों के साथ 'शिक्षा संवाद' आयोजित किया। 'शिक्षा संवाद' में प्रशांत किशोर ने अपनी बात रखते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि राज्य में शिक्षा व्यवस्था में बदलाव लाना है, तो 5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त पूंजी निवेश की जरूरत होगी।
'शराब के टैक्स से मिलने वाले राजस्व को...'
प्रशांत किशोर ने कहा कि यह राशि 50 हजार करोड़ रुपए के अतिरिक्त होगी, जो अभी शिक्षा पर बिहार सरकार हर वर्ष खर्च कर रही है। पीके ने इस पूंजी को जुटाने के लिए एक महत्वपूर्ण सुझाव दिया है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी को हटाकर शराब के टैक्स से मिलने वाले राजस्व को अगले 20 वर्षों तक सिक्योरिटाइज किया जा सकता है। इस राजस्व का उपयोग बजट में नहीं किया जाएगा, बल्कि इसे बिहार में एक नई और सशक्त शिक्षा व्यवस्था स्थापित करने के लिए प्रयोग में लाया जाएगा।
'अगर शराबबंदी हटाई जाएगी, तो...'
पीके ने इस बात पर बल दिया कि शराब के टैक्स से आने वाला पैसा नेताओं की सुरक्षा, उनके हेलीकॉप्टर या फर्नीचर पर खर्च न होकर, केवल और केवल बच्चों की शिक्षा के लिए खर्च होना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि इस मुद्दे पर कानून में प्रावधान किया जाए और जन सुराज के घोषणापत्र में यह स्पष्ट किया जाएगा कि अगर शराबबंदी हटाई जाएगी, तो इसका पूरा राजस्व बिहार के बच्चों की पढ़ाई और राज्य के भविष्य को बेहतर बनाने में खर्च किया जाएगा।