Edited By Nitika, Updated: 30 Oct, 2020 03:20 PM
बिहार का सोनबरसा विधानसभा सीट (Sonbarsa Assembly Seat) मधेपुरा लोकसभा के तहत आता है। 1957 में सोनबरसा सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में निर्दलीय कैंडिडेट सिंघेश्वर राय ने जीत हासिल की थी।
मधेपुराः बिहार का सोनबरसा विधानसभा सीट (Sonbarsa Assembly Seat) मधेपुरा लोकसभा के तहत आता है। 1957 में सोनबरसा सीट पर हुए पहले विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में निर्दलीय कैंडिडेट सिंघेश्वर राय ने जीत हासिल की थी।
1962 के चुनाव में भी सोनबरसा सीट से निर्दलीय कैंडिडेट सीताराम महतो ने जीत हासिल की थी। वहीं 1967 में निर्दलीय कैंडिडेट आर एन राय ने सोनबरसा सीट से जनता का समर्थन हासिल किया था। 1969 के चुनाव में सोनबरसा सीट से कांग्रेसी (Congress) कैंडिडेट राज नंदन राय ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1972 में सोनबरसा सीट पर हुए चुनाव में एसओपी पार्टी के कैंडिडेट सीताराम महतो ने जीत हासिल की थी। 1977 में यहां से कांग्रेस (Congress) पार्टी की टिकट पर मोहम्मद आलम ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था।
वहीं 1980 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में यहां से कांग्रेस (Congress) पार्टी के कैंडिडेट मोहम्मद अनवारूल हक ने विरोधियों को शिकस्त दे दिया था। 1985 में सोनबरसा सीट पर हुए चुनाव में लोकदल के टिकट पर कपूरी ठाकुर ने जनता का समर्थन हासिल कर लिया था। 1990 और 1995 के चुनाव में सोनबरसा सीट से जनता दल के कैंडिडेट रामजीवन प्रसाद ने जनता का समर्थन हासिल किया था। 2000 और 2005 के चुनाव में सोनबरसा सीट से रामचंद्र पूर्वे ने आरजेडी (RJD) की टिकट पर जीत हासिल की थी। वहीं 2010 और 2015 के चुनाव में जेडीयू (JDU) कैंडिडेट रत्नेश सदा ने लगातार 2 बार सोनबरसा सीट से जीत का परचम लहराया था।
विधानसभा चुनाव 2015 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2015 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में सोनबरसा सीट से जेडीयू (JDU) कैंडिडेट रत्नेश सदा ने चुनाव में जीत हासिल की थी। रत्नेश सदा ने चुनाव में 88 हजार 789 वोट हासिल किया था। वहीं एलजेपी (LJP) की कैंडिडेट सरिता देवी को 35 हजार 26 वोट ही मिल पाया था। इस तरह से रत्नेश सदा ने सरिता देवी को 53 हजार 763 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं 6 हजार 449 वोटों के साथ नोटा तीसरे स्थान पर रहा था।
विधानसभा चुनाव 2010 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2010 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में सोनबरसा सीट से जेडीयू (JDU) कैंडिडेट रत्नेश सदा ने चुनाव में जीत हासिल की थी। रत्नेश सदा ने चुनाव में 56 हजार 633 वोट हासिल किया था। वहीं एलजेपी (LJP) की कैंडिडेट सरिता देवी ने 25 हजार 188 वोट हासिल किया था। इस तरह से रत्नेश सदा ने सरिता देवी को 31 हजार 445 वोट के बड़े अंतर से हरा दिया था। वहीं कांग्रेस (Congress) कैंडिडेट तारिणी ऋषिदेव ने 10 हजार 433 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।
विधानसभा चुनाव 2005 के नतीजे
अगर आंकड़ों के हिसाब से बात करें तो साल 2005 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में सोनबरसा सीट से आरजेडी (RJD) की टिकट पर रामचंद्र पूर्वे ने चुनाव में जीत हासिल की थी। रामचंद्र पूर्वे ने चुनाव में 35हजार 843 वोट हासिल किया था। वहीं बीएसपी (BSP) कैंडिडेट अमजद हुसैन अनवर को 23 हजार 537 वोट मिला था। इस तरह से रामचंद्र पूर्वे ने अमजद हुसैन अनवर को 12 हजार 306 वोट के अंतर से हरा दिया था। वहीं बीजेपी (BJP) कैंडिडेट रामनरेश प्रसाद यादव ने 13 हजार 952 वोट लेकर तीसरा स्थान हासिल किया था।
2020 के विधानसभा चुनाव (Vidhan Sabha Chunav) में यहां महागठबंधन (Mahagathbandhan) और एनडीए (NDA) के बीच मुकाबला होगा, लेकिन जीत तो उसी पार्टी के कैंडिडेट को मिलेगी, जिस पर जनता ज्यादा से ज्यादा भरोसा करेगी।